निगम ने भवन स्वामियों को दी स्वयं अतिक्रमण हटाने की मोहलत
जल्द अतक्रिमण मुक्त नहीं होने वाले भवनों पर दोबारा चलेगी निगम की जेसीबी
नगर निगम की ओर से शहर में चलाया जा रहा है अतिक्रमण हटाओ अभियान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: नगर निगम की ओर से शहर में अतिक्रमण के खिलाफ शुरू किया गया अभियान शुक्रवार को स्थगित रहा। नगर निगम ने भवन स्वामियों को स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाने की मोहलत दी है। जल्द भवनों को अतिक्रमण मुक्त न करने की स्थिति में निगम दोबारा अतिक्रमण हटाने के लिए सड़क पर उतरेगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम की ओर से राष्ट्रीय राजामार्ग व अपनी नजूल भूमि पर फैले अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार को नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी व उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में टीम ने शहर की सड़क पर उतरकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। पहले दिन निगम ने भारी पुलिस फोर्स के साथ सड़क पर उतर शहर में चिन्हित 47 अतिक्रमण हटाए। अभियान के दौरान कई व्यापारियों ने नगर निगम के अधिकारियों से स्वयं ही अतिक्रमण हटाने के लिए समय देने की भी मांग उठाई थी। व्यापारियों का कहना था कि जेसीबी से भवन को अधिक नुकसान पहुंचेगा। इसलिए वह स्वयं ही श्रमिकों की मदद से अतिक्रमण की जद में आए भवन का हिस्सा तोड़ देंगे। जिसके बाद नगर निगम ने व्यापारियों को स्वयं ही अतिक्रमण हटाने का समय दिया है। नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने बताया कि पहले दिन जेसीबी से भवनों को हल्का तोड़ा गया है। व्यापारियों को स्वयं पूरा अतिक्रमण हटाने के लिए समय दिया जा रहा है। कुछ दिन बाद दोबारा शहर में जेसीबी से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
यह था पूरा मामला
18 नवंबर 2020 को उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही नगर निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए थे। न्यायालय के आदेश पर निगम ने नजीबाबाद चौक से मालवीय उद्यान तक 137 अतिक्रमण चिन्हित कर दिसंबर 2020 में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई के विरोध में कुछ भवन स्वामी उच्चतम न्यायालय पहुंचे। व्यापारियों का तर्क था कि उच्च न्यायालय ने भवन स्वामियों का पक्ष सुने बिना निर्णय दे दिया है। उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय को दूसरा पक्ष सुनने के निर्देश दिए व उच्च न्यायालय ने नगर निगम को भवन स्वामियों का पक्ष सुनने को कहा। न्यायालय के निर्देश पर नगर निगम ने 79 भवन स्वामियों को सुना, जिसमें से 43 भवन स्वामी अतिक्रमण की जद में आए, जिन्हें निगम ने नोटिस जारी कर दिया। इसके उपरांत कुछ व्यापारी दोबारा उच्च न्यायालय पहुंचे। लेकिन, न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। याचिका खारिज होने के बाद नगर निगम ने जिलाधिकारी को पत्र भेज अतिक्रमण हटाने के लिए मजिस्ट्रट तैनात करने का आग्रह किया। जिसके बाद जिलाधिकारी डॉ.विजय कुमार जोगदंडे ने कोटद्वार व लैंसडौन उपजिलाधिकारी को बतौर मजिस्ट्रट तैनात कर दिया था।
स्वयं तोड़ने लगे अतिक्रमण
निगम की सख्ती के बाद अधिकांश भवन स्वामी स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाने लगे हैं। जगह-जगह श्रमिक भवनों का अतिक्रमण वाला हिस्सा तोड़ते हुए नजर आए। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूरे दिन अव्यवस्थाओं का अंबार लगा रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग झंडाचौक से नजीबाबाद चौक को वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद किया गया था।
शहर में बनी रही जाम की स्थिति
शहर में अतिक्रमण हटाने के दौरान लालबत्ती चौक से झंडाचौक तक राष्ट्रीय राजमार्ग को बैरिकेडिंग कर पूरी तरह बंद किया गया था। इस दौरान पहाड़ की ओर जाने वाले वाहन गोखले मार्ग से हाते हुए निकल रहे थे। जिसके कारण गोखले मार्ग व स्टेशन रोड में वाहनों का लंबा जाम लगा रहा। जाम से आमजन को निजात दिलवाने के दावे करने वाली पुलिस भी कहीं नजर नहीं आई।