छोटा सा विवाद, पुलिस की लापरवाही और फिर हुआ खूनी संघर्ष
-छोटे से झगड़े के मामले को गंभीरता से लेकर पुलिस ने की होती कार्रवाई तो नहीं जाती एक व्यक्ति की जान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गत रविवार को लकड़ी पड़ाव में हुए खूनी संघर्ष में अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि मामूली झगड़े ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया था, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई। वहीं, तीन लोग बेस अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस पर आरोप है कि उन्हें मामूली से विवाद की जानकारी पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से कार्रर्वाई नहीं की और मामला इतना बढ़ गया।
वरिष्ठ उप निरीक्षक जगमोहन रमोला ने बताया कि गत रविवार को दिन में करीब एक बजे आमपड़ाव निवासी नदीम लकड़ी पड़ाव में अपने किसी रिश्तेदार को छोड़ने गया था। जब वह वापस आ रहा था तो उसकी बाइक की टक्कर पानी की टंकी के पास लकड़ी पड़ाव निवासी प्रशांत की बाइक से हो गई। प्रशांत अपनी पत्नी उर्मिला को लेकर बाजार की तरफ आ रहा था। आरोप है कि इसी दौरान प्रशांत व नदीम के बीच कहा-सुनी और हाथापाई हो गई। इसके बाद प्रशांत व उसकी पत्नी उर्मिला कोटवाली पहुंचे और उक्त मामले में शिकायत दर्ज कराने लगे। आरोप है कि पुलिस ने यहां मामले को गंभीरता से नहीं लिया। तारा देवी पत्नी रवि गौतम निवासी झूलाबस्ती ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि नदीम ने उसके देवर प्रशांत से मारपीट के बाद आमपड़ाव से अपने रिश्तेदार अशरफ, इमरान, इकरार समेत करीब 20 से 25 लोगों को बुलाया जो छोटे हाथी वाहन में बैठकर हथियारों से लैस होकर उनके घर पर आए और रवि गौतम, उनके बच्चे विश्वास, लक्ष्मण, प्रियंका, हन्नु व उर्मिला के साथ मारपीट करने लगे। आरोपियों ने घर पर तोड़फोड़ की और घर से करीब एक लाख रुपये भी लूट लिए। इसके बाद मामला दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष में बदल गया और देखते ही देखते अशरफ, इमरान, इकरार व नदीम गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोप है कि पुलिस के कुछ कर्मचारी यह पूरी वारदात होते हुए देखते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। जब मामला हद से ज्यादा बढ़ गया तो पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जिनमें अशरफ (50 वर्ष) की उपचार के दौरान मौत हो गई।
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लकड़ी पड़ाव में हुए विवाद के मामले में पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही की जानकारी नहीं थी। अब यह मामला प्रकाश में आया है तो इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यशवंत सिंह चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पौड़ी गढ़वाल