कोटद्वार-पौड़ी

भाषण प्रतियोगिता में आंचल रही अव्वल

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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आयोजित की गई प्रतियोगिता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में आंचल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस दौरान शिक्षकों ने विद्यार्थियों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा मानवाधिकारों के संदर्भ में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ.पूनम गैरोला ने कहा कि दस दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर कोटद्वार क्षेत्र में स्थानीय अवकाश होने के कारण इस प्रतियोगिता का आज आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पवार द्वारा किया गया। भाषण प्रतियोगिता में महाविद्यालय के सभी संकायों के छात्र/छात्राओं ने बढ चढ़कर प्रतिभाग किया। भाषण प्रतियोगिता में आंचल भारद्वाज, ऋतु कुकरेती, शुभम सुयाल ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में निर्णायक मंडल से डा.नवरतन सिंह इतिहास विभाग द्वारा मानवाधिकारों की आवश्यकता एवं महत्त्व के बारे में बताया,डॉ कविता रानी समाजशास्त्र विभाग ने मानव अधिकार एवं मूल अधिकारों के बारे में बताया तथा डॉ.संत कुमार राजनीति विज्ञान विभाग ने मानवाधिकारों के बारे में एवं उनके उलंघन के समय क़ानूनी प्रावधानों के विषय में विस्तार से समझाया । प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ.संजीव कुमार ने मानवाधिकारों के सन्दर्भ में प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग केवल सुनवाई करता है लेकिन दंड नहीं देता।अंत में प्राचार्य प्रो.जानकी पंवार ने कहा कि मानव अधिकार इंसान का प्राकृतिक अधिकार है जो किसी भी इंसान के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और स्वाभिमान के साथ जीने का अधिकार है। यूएनओ ने 10 दिसंबर 1948 को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों की घोषणा की इसका उद्देश्य मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है। 1993 में भारत में मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ था. हर लड़ाई को ताकत देने व जुल्म को रोकने के लिए हर साल पूरे दुनिया में यह दिवस मनाया जाता है. मानवाधिकार वह मानदंड है जो मानव व्यवहार को परिभाषित करता है।

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