उत्तराखंड

अलवेदर परियोजना में देवागण में प्रशासन ने तोड़ा मकान

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रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर अलवेदर वेदर परियोजना के चलते कई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुंड से गुप्तकाशी के बीच बन रहे बाईपास में देवागण गांव में एक व्यक्ति ने प्रशासन पर बिना उनको कोई नोटिस और मुआवजा दिए अपना दो मंजिला पैतृक मकान तोड़ने का आरोप लगाया है।
देवागण निवासी सैनिक शिशुपाल भारती ने प्रशासन और एनएच लोनिवि पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बिना नोटिस और मुआवजा दिए ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। भारती ने कहा कि देवागण में उनका दो मंजिला पैतृक मकान है। जो सड़क चौड़ीकरण में अधिग्रहित किया गया है किंतु उन्हें अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। बताया कि बीते दिन ऊखीमठ तहसील प्रशासन की एक टीम ने पैतृक मकान ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में जब वह टुट्टी पर घर आए थे तो, तहसील प्रशासन द्वारा वार्ता के अनुसार उन्हें यह जानकारी दी गई कि जब मकान तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी तो इससे पूर्व उन्हें इसकी सूचना दे दी जाएगी। किंतु न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही मुआजवे का भुगतान किया गया।
उन्होंने बताया कि इस मामले पर उन्होंने अपर आयुक्त आबिट्रेटर गढ़वाल मंडल पौड़ी को भी शिकायत दी जिसके बाद आबिट्रेटर कोर्ट ने प्रशासन को मकान का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए निर्देशित किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन उनके दो मंजिले को एक मंजिला बताकर मुआवजा दे रहा है। इधर, एसडीएम ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि जहां ध्वस्तीकरण किया गया वह मकान नहीं कोई स्टेक्चर था। सड़क का काम समय पर पूरा हो सके इसके लिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि पूर्व में कई बार उन्हें तहसील द्वारा नोटिस जारी किए गए, किंतु स्ट्रक्चर स्वामी द्वारा पत्रावली जमा नहीं की गई जिस कारण उन्हें मुआवजा नहीं मिल सका। बताया कि मुआवजा तैयार है पत्रावाली जमा करते ही उन्हें मुआवजा दे दिया जाएगा।

 

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