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महाराष्ट्र में बारिश का कहर: रायगढ़ में तबाही के बाद रेस्क्यू फिर शुरू, अब तक 21 लोगों के शव बरामद

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महाराष्ट्र, एजेंसी। महाराष्ट्र में लगातार हो रही तेज बारिश ने आफत मचा रखी है। जहां एक ओर, रायगढ़ जिले के इरशालवाडी गांव में हुए भूस्खलन स्थल पर तलाशी अभियान जारी है। यहां अभी तक 119 ग्रामीणों का कुछ पता नहीं चल पाया है। वहीं दूसरी ओर, नांदेड़ जिले के 12 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। बिलोली तहसील के लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। अब तक एनडीआरएफ ने यहां से 21 शव बरामद किए हैं। इनमें आज के पांच शव और कल के 16 शव शामिल हैं।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में बचाव और तलाश अभियान शुक्रवार सुबह फिर से शुरू हो गया। इस दौरान पांच लोगों का शव बरामद हुए हैं, जिसके बाद भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है। साथ ही कई लोगों के इसमें फंसे होने की आशंका है। बता दें, खराब मौसम के कारण एनडीआरएफ कर्मियों को गुरुवार शाम को भूस्खलन स्थल पर अपना खोज और बचाव अभियान रोकना पड़ा था।
भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर तटीय जिले की खालापुर तहसील के अंतर्गत एक पहाड़ी ढलान पर स्थित आदिवासी गांव में हुआ। अधिकारी ने बताया कि गांव के कुल 228 निवासियों में से 21 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 93 निवासियों का पता लगाया जा चुका है। हालांकि, कुल 119 ग्रामीणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
कहा जा रहा है कि जिन लोगों का अभी पता नहीं चला है उनमें वे भी शामिल हैं जो किसी शादी में शामिल होने या धान की रोपाई के काम से गांव से बाहर गए थे। अधिकारियों ने बताया कि गांव के लगभग 50 घरों में से 17 भूस्खलन के कारण जमींदोज हो गए।
अधिकारी ने कहा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने रायगढ़ पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की टीमों के साथ सुदूर गांव में दूसरे दिन अभियान शुरू किया। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घरगे ने कहा कि तलाशी अभियान सुबह 6.30 बजे शुरू हुआ।
घटनास्थल पर खोज और बचाव कर्मियों को क्षेत्र के कठिन पहाड़ी इलाके के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहाड़ी क्षेत्र से इरशालवाड़ी तक पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है, जहां पक्की सड़क नहीं है। अधिकारी ने कहा कि चूंकि गांव में पक्की सड़क नहीं है, इसलिए मिट्टी खोदने वाली मशीनों और खुदाई करने वालों को आसानी से नहीं ले जाया जा सकता है और इसलिए काम मैन्युअल रूप से किया जा रहा है। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में बिलोली तहसील के लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। भारी बारिश के कारण यहां के 12 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग के कर्मियों और अन्य लोगों की बचाव टीमों ने गुरुवार शाम से बचाव अभियान चलाया जो देर रात तक जारी रहा।
बता दें, हरनाली, मचनूर, बिलोली, गोलेगांव, अराली, कसाराली, बेलकोनी, कुंडलवाड़ी और गंजगांव सहित 12 गांवों के लगभग 1,000 निवासियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बारिश के बाद इन गांवों में जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
उन्होंने बताया कि इन गांवों की बस्तियों और खेतों में पानी घुसने से लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। बचाए गए लोगों को पास के जिला परिषद संचालित स्कूलों या ऊंचे इलाकों में स्थित घरों में अस्थायी आश्रय दिया गया है। वहीं कई स्थानीय लोगों ने भी बचाव अभियान में योगदान दिया।
वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कचोर-नेतिवली पहाड़ी पर कब्जा करने वाले लगभग 140 परिवारों को क्षेत्र खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी में बुधवार रात हुए भूस्खलन के मद्देनजर नोटिस जारी किए गए हैं।
कल्याण-डोंबिवली नगर निगम के अधिकारी ने कहा कि पिछले 30 सालों में कब्जा करके रहने वालों ने कई स्थानों पर पहाड़ी को खोद दिया है। जिसके चलते यह क्षेत्र भूस्खलन के प्रति संवेदनशील बना दिया है। महाराष्ट्र सरकार की शहरी नियोजन एजेंसी सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) ने भूस्खलन प्रभावित इरशालवाड़ी गांव में बचाव कार्य के लिए अपने अग्निशमन कर्मियों और 600 मजदूरों को भेजा है।

 

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