उत्तराखंड

उत्तरकाशी में जंगलों की आग बुझाने के सारे इंतजाम फेल

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उत्तरकाशीध्पुरोला । उत्तरकाशी जिले के जंगलों में लगातार सैकड़ों हेक्टेयर जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ रहे हैं। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के आसपास मुखेम रेंज समेत यमुनाघाटी के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। इसके चलते लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई है। लेकिन वन विभाग के आग बुझाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
उत्तरकाशी शहर के ठीक सामने मुखेम रेंज के जंगलों में बीती रात से भयानक आग लगी है। मुखेम रेज के डांग, पोखरी, दिलसौड़, जसपुर, डुंडा के धनारी में भीषण आग से जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं। वन विभाग जंगलों की आग बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है। जंगलों में भड़कती आग से एक ओर जहां पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है वहीं जंगलों के पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है। जंगलों में आग से वन्य जीवों की आजीविका संकट में पड़ गई तो वातावरण में गर्मी बढ़ने से उमस के कारण आमजन खासा परेशान है। लोगों को सांस लेने में दिक्कतें होने लगी है। उधर, यमुना घाटी में टौंस वन प्रभाग के अंतर्गत सुनाली, गुतुगाड़, नौरी, कुरुडा, कमलेश्वर, ड़ोखरियाणी व मोरी के देवता रेंज, सांद्रा, सिंगतूर रेंज के जंगल वनाग्नि की चपेट में हैं। पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में लग रही आग विभाग के साथ साथ ग्रामीणों के लिए भी चुनौती बनी है। यही नहीं एक माह के अंतर्गत वनाग्नि से छोटी बड़ी घटनाओं को मिलाकर 16 लगभग घटनाएं भी हो चुकी हैं। और लगभग 11 हेक्टेयर से अधिक जंगल वनाग्नि की चपेट में हैं। खलाड़ी के युद्घवीर सिंह,करड़ा गांव के शूरबीर सिंह, पीताम्बर दत्त रतूड़ी आदि का कहना है कि चीड़ के जंगलों का विस्तार जितनी ऊंचाई तक पहाड़ों में हो रहा है उससे जंगलों में आग भी ज्यादा लग रही है।

 

 

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