अमित शाह बोले- कांग्रेस ने गुजरात में दंगे कराए, मोदी के सीएम बनने से पहले आए दिन लगा रहता था कर्फ्यू
नांदियाड़,एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि यह पार्टी जब गुजरात में सत्तारूढ़ थी तब उसने हमेशा राज्य में दंगा फैलाने का काम किया है। इस पार्टी ने लोगों को आपस में लड़वाया और कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ा है। उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा के सत्ता में आने और नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पहले गुजरात में आए दिन सांप्रदायिक दंगे होते थे और कर्फ्यू लगा रहता था। साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा से नशीली दवाओं, हथियारों और आरडीएक्स की तस्करी होती थी।
शाह ने खेड़ा जिले के नांदियाड़ में पुलिस आवास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि बहुत सालों तक कांग्रेस कई समुदायों को आपस में लड़ाने का काम करती रही। सांप्रदायिक दंगे फैलाकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाईं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान साल भर राज्य के अधिकांश हिस्सों में कर्फ्यू लगा रहता था। सुबह आदमी काम के लिए घर से बाहर निकले तो इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि वह शाम को घर लौटेगा या नहीं। बैंकों, बाजारों और फैक्ट्रियों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा था।
उन्होंने बताया कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक झगड़े आम बात थी। लेकिन जब भाजपा सत्ता में आई तो क्या किसी की रथयात्रा पर हमला करने की हिम्मत हुई? जिन्होंने ऐसे कोशिश करनी चाही वह सभी अब जेल की सलाखों के पीटे हैं। बतौर सीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने गुजरात को सुरक्षित करना सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में पोरबंदर तस्करों और माफियों के लिए खेल का मैदान बन चुका था। कच्छ की सीमा से नशीले पदार्थो, हथियारों, नकली करेंसी और आरडीएक्स की तस्करी की जाती थी। आज किसी की हिम्मत नहीं है कि कच्छ की सीमा में एक इंच भी अंदर घुसे। सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद अब गुजरात में शांति बहाली है। मुझे खुशी है कि अब गुजरात की चौकस पुलिस अपराधियों से भी दो कदम आगे रहकर उनकी धरपकड़ कर लेती है।
शाह ने गोधरा में गुजरात के सहकारी आंदोलन को गौरव बताया। उन्होंने कहा कि कई देशों के मंत्री इस बात से चकित हैं कि अमूल डेयरी कोआपरेटिव ब्रांड का इतना टर्नओवर कैसे आ रहा है। आस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स के मंत्रियों ने उससे संपर्क करके पूछा था कि अमूल की ओर से मिले आंकड़ों की उन्होंने पड़ताल की है। उन्होंने एक वेबसाइट के जरिये इसका पता लगाया है। यह सहकारिता आंदोलन बहुत ही बड़ा था तब इसके जरिये 60 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उल्लेखनीय है कि इसी साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं।