उत्तराखंड

सिंचाई गूल पर मलबा डालने से ग्रामीणों में रोष

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देवप्रयाग। देवप्रयाग के मुनेठ-पुर्थुधार निर्माणाधीन सड़क मार्ग का मलबा मुनेठ गांव की सिंचाई गूल में डाले जाने से ग्रामीणों की फसल सूखने लग गई है। साथ ही गांव के पेयजल स्रोतों की नमी समाप्त होने से स्रोत भी सूखने की कगार पर है। आक्रोशित ग्रामीणों ने गूल की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बीते वर्ष सितंबर माह में क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी ने कांडाधार क्षेत्र में लंबे समय से यातायात की मांग पूरी करते मुनेठ पुर्थुधार सड़क की शुरुआत की थी। लोनिवि कीर्तिनगर के अधीन उक्त पांच किमी सड़क का मलबा मुनेठ गांव की गूल में पड़ने की संभावना पर अधिकारियों ने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का लिखित आश्वासन ग्रामीणों को दिया था। लेकिन इसको दरकिनार करते हुए ठेकेदार द्वारा सड़क का मलबा लगातार गूल पर डालने से गूल पूरी तरह मलबे से दब गई है। ग्राम प्रधान मुनेठ रजनी देवी ने बताया कि सिंचाई गूल के मलबे में दबने से गांव के खेतों में खड़ी फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है, साथ ही पेयजल स्रोतों पर भी पानी कम हो गया हैं। ग्रामीण राकेश पंचपुरी ने कहा कि सिंचाई गूल को बन्द हुए 15 दिन बीत चुके हैं, शिकायत पर अधिकारियों ने पाइप लाइन के जरिये गूल का पानी गांव तक पहुंचाने की बात कही थी, लेकिन मामले में अभी तक कोई कारवाही नहीं हो पाई है। कहा ग्रामीण सड़क निर्माण का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन गांव की सिंचाई को गूल पर मलबा न डाला जाए। ग्रामीणों ने तत्काल सिंचाई गूल से मलबा हटाने की मांग की है, मांग पूरी न होने आंदोलन की चेतावनी दी। उधर, लोनिवि कीर्तिनगर के एई एससी भट्ट ने जल्द सिंचाई गूल को चालू करने की बात कही है।

 

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