कोटद्वार-पौड़ी

आशा कार्यकत्रियों ने की हड़ताल, सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने तहसील में धरना दिया। एक दिवसीय हड़ताल पर डटी आशा कार्यकत्रियों ने जल्द मांग पूरी नहीं होने पर अंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। कहा कि पूर्व में दिए गए आश्वासन के बाद भी अब तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया है। जिससे आशा कार्यकत्रियों में आक्रोश व्याप्त है।
शुक्रवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर उत्तराखंड स्वास्थ्य आशा कार्यकत्री यूनियन के बैनर तले आशाएं तहसील परिसर में एकत्र हुई। यहां से उन्होंने उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा कि प्रसव जन्म मृत्यु दर को रोकने के लिए आशा वर्कर्स लगातार अपना योगदान दे रही हैं। प्रसव से लेकर टीकाकरण तक का कार्य वह पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रही हैं। बावजूद सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर ही है। आशा वर्कर्स ने निर्मित वेतन देकर उन्हें सरकारी कर्मचारी का अधिकार देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का लाभ देने, रिटायरमेंट पर दस लाख रुपये का भुगतान करने, आशाओं को भविष्य निधि व ईएसआई की सुरक्षा सुविधा देने, 46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश को लागू करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये करने, प्रत्येक माह समय पर वेतन उपलब्ध करवाने व मानदेय को बढ़ाने की मांग उठाई। कहा कि यदि जल्द समस्याओं के निराकरण को योजना तैयार नहीं की गई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ आंदोलन को तेज करेंगी। धरना देने वालों में नीलम कुकरेती, संगीता रावत, प्रवेश देवी, उषा देवी, कविता नेगी, इंदु देवी, मीनाक्षी चमोली, संगीता कुलाश्री, रजनी देवी, सुमन राठौर सहित कई अन्य मौजूद रहे।

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