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अटल टनल पूरे विश्व को भारत की बढ़ती ताकत का संदेश देगी: मोदी

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लाहौल-स्पीति, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाहौली बोली में ‘ग्यु तर्फे अटल टनल केदिंग तोहफा शु’ पंक्ति से सिस्सू में अपने संबोधन की शुरुआत की। इसका मतलब-अटल टनल लाहौलियों को मेरी तरफ से तोहफा है। कोविड-19 के बीच छह महीने बाद प्रधानमंत्री ने शनिवार को किसी पहले सार्वजनिक कार्यक्रम को लाहौल के सिस्सू में संबोधित किया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल टनल रोहतांग पूरे विश्व को भारत की बढ़ती ताकत का संदेश देगी। यह सुरंग अभूतपूर्व इंजीनियरिंग का नमूना होने के साथ देश की सामरिक शक्ति की रीढ़ साबित होगी। प्रधानमंत्री ने अटल टनल के लोकार्पण के दौरान करीब 70 किमी का सफर सड़क मार्ग से किया। कहा कि अटल सुरंग अब देश ही नहीं बल्कि विदेशी इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों के लिए शोध का केंद्र बनेगी।
हर साल एक-एक विश्वविद्यालय के प्रशिक्षुओं को टनल के निर्माण में इस्तेमाल हुई अतुल्य इंजीनियरिंग की तकनीक करीब से जानने के लिए अटल टनल का दौरा कराया जाएगा। करीब 20 साल बाद आज फिर लाहौल की जनता से रूबरू हुआ हूं। साल 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ केलांग आए थे। मोदी ने अटल के लाहौली मित्र टशी दावा का भी संबोधन में जिक्र किया। कहा कि अटल टनल निर्माण में टशी दावा का भी योगदान रहा है।
टनल खुलने के बाद लाहौल की मिट्टी में पैदा होने वाली जड़ी बूटियों और फसलों को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नई पहचान मिलेगी। घाटी की धार्मिक स्थलों का नाम लेकर पीएम ने कहा-ताबो मठ, त्रिलोकनाथ और चंद्रताल जैसे स्थलों में पहुंचना दुनिया के लिए अब और आसान होगा। घाटी में अब कृषि और पर्यटन के क्षेत्रों में नई क्रांति आएगी। टनल के द्वार खुलने के बाद अब सैलानियों का रुख लाहौल-स्पीति की तरफ मुड़ेगा।

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