अयोध्या: तय समय सीमा के तीन महीने बाद भी जन्मभूमि पथ का काम अधूरा, प्राण प्रतिष्ठा की तारीख हो चुकी है घोषित
अयोध्या, एजेंसी। श्रीराम मंदिर को जोड़ने वाले सबसे महत्वपूर्ण रास्तों में से एक है जन्मभूमि पथ। लेकिन इसके निर्माण में घोर लापरवाही बरती जा रही है। तय समय के तीन महीने बाद भी पथ का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गई है लेकिन सड़क बनाने व बिगाड़ने का काम अब भी चल रहा है। जबकि कमिश्नर और डीएम लगभग हर सप्ताह इन पथों का निरीक्षण के साथ ही निर्देश जारी करते रहे हैं।
प्रदेश शासन ने कैनोपी के निर्माण में लापरवाही पर राजकीय निर्माण निगम के जीएम अजय मिश्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर अनूप शुक्ला को हटा दिया है। इसके निर्माण पर एक नजर डालें तो साफ महसूस होगा कि केंद्र और प्रदेश सरकार के शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल परियोजनाओं में भी कार्यदायी संस्थाएं कैसे काम कर रही हैं।
राम नगरी में सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मार्ग, जन्मभूमि पथ मात्र 570 मीटर लंबा है। यह दो लेन और 15 मीटर चौड़ाई में बन रहा है। इस पर बिजली के तारों को भूमिगत करने के लिए यूटिलिटी डक्ट, स्टार्म वाटर नाला, स्टोन बेंच और पोल व स्ट्रीट लाइट शामिल है। धर्मार्थ कार्य विहाग से बनवाए जा रहे पथ पर काम 25 अगस्त 2022 को शुरू हुआ था। काम पूरा करने की तारीख 30 अप्रैल 2023 तय की गई थी। इसकी लागत 39.43 करोड़ है।
खास बात यह है कि 20 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री की समीक्षा के दौरान इस पर 80 फीसदी काम पूरा होना बताया गया था लेकिन मुख्य सचिव के दौरे के समय 24 मई को इसे 88 फीसदी पूरा होना बताया गया। साथ ही काम पूरा होने की तिथि एक माह बढ़ाकर 15 जून कर दी गई। 15 सितंबर भी बीत गया, लेकिन तस्वीरों से इसके हालात देखे जा सकते हैं, 570 मीटर की सड़क एक बार बनाकर इसके बाद फिर चार गड्ढे बनाए गए हैं।
एक पटरी भी चलने लायक भी नहीं कही जा सकती है। इस बीच राम लला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गई है। भीड़ का सबसे ज्यादा दबाव तो इन्हीं सड़कों पर होगा। मुख्य सचिव के पिछले दौरे में भी इसको लेकर चर्चा हुई थी। कमिश्नर गौरव दयाल ने भी कार्यों को लेकर आगाह किया था लेकिन संस्थाओं ने इस पर गौर नहीं किया। कार्रवाई के बाद विभाग के अफसर औपचारिक रूप से बात भी नहीं करना चाहते हैं।
रामनगरी में तैयार हो रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो सकती है। काशी के विद्वानों ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए जो तीन मुहूर्त निकाले हैं उनमें से 22 जनवरी सर्वोत्तम है। इसी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि उसी दिन प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। हालांकि तारीख पर अंतिम मुहर प्रधानमंत्री कार्यालय से ही लगेगी।