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रफ्तार, तकनीक ,ताकत और दिमाग का खेल है बैडमिंटन, जानिए इस खेल के सभी नियम

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टोक्यो ओलिंपिक की शुरुआत में कुछ ही समय बचा हैं. सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर के खिलाड़ी इसकी तैयारी में लगे हुए हैं. भारत को टोक्यो ओलिंपिक में मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीदें जिस खिलाड़ी से उनमें गोल्डन गर्ल पीवी सिंधु शामिल हैं. रियो ओलिंपिक में बैडमिंटन में देश को उन्होंने ऐतिहासिक सिल्वर मेडल दिलाया था. बीते सालों में भारत ने इस खेल में विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई हैं. पीवी सिंधु, सायना नेहवाल, कीदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी इसके सूत्रधार बने. इस खेल को रफ्तार और तकनीक के अलावा इसके नियम काफी रोमांचक बनाते हैं. रैकट, शटल कॉक से खेले जाने वाले इस यह इंडोर गेम के बारे में आज हम आपको सबकुछ बताएंगे.
सर्विस के जरूरी नियम
खेल की शुरुआत टॉस से होती है. टॉस से यह तय किया जाता है कि कौन सा खिलाड़ी सर्व करेगा और कौन सा खिलाड़ी रिसीवर होगा. मैच के शुरू होने से पहले, यानि जब स्कोर 0-0 हो या जब दोनों खिलाडियों का स्कोर ईवन (सम संख्या) हो तब सर्विस करने वाला खिलाड़ी दाहिने कोर्ट से सर्विस करता है. जब स्कोर विषम संख्या होगा तब सर्विस बाएं कोर्ट से की जाएगी. जो सर्विस कर रहा है वो अगर सर्विस जीतने में सफल होता है तो वो दूसरे कोर्ट से सर्व कर सकता है. खिलाड़ी को सर्विस करते हुए शटल को कमर की ऊंचाई से नीचे से ही मारना होता है. सर्विस के किए जाने तक दोनों खिलाड़ियों को स्थिर रहना होता है.
डबल्स फॉर्मेट में कैसे की जाती है सर्विस
बैडमिंटन डबल्स या मिक्स्ड डबल्स में एक ओर दो खिलाड़ी होते हैं. जहां डबल्स में दोनों पुरुष या दोनों महिलाएं होती हैं वहीं मिक्स्ड डबल्स में एक महिला और एक पुरुष खिलाड़ी की जोड़ी होती है. बैडमिंटन डबल्स के नियमों के अनुसार सर्वर दाईं ओर से सर्विस को शुरू करता है और उसकी टीम का साथी बाईं ओर से सर्विस करता है. वे दोनों जब तक अंक जीतते रहते हैं तब तक उनका बारी-बारी से सर्विस करते रहना जारी रहता है.
बैडमिंटन में खिलाड़ी कैसे हासिल करता है अंक
अगर खिलाड़ी के प्रतिद्वंद्वी के कोर्ट (हाफ कोर्ट) में जाकर शटल कॉक गिरती है तो वह एक अंक हासिल करता है. इसमें कोर्ट की बाहरी लाइन भी शामिल है. इसके अलावा यदि खिलाड़ी शॉट खेलते हुए शटलकॉक को कोर्ट के बाहर गिराता है, कॉक नेट से टकरा जाए या नीचे से गुजर जाए तो विरोधी को अंक हासिल होता है. रैकेट से दो बार कॉक के टकराने पर प्रतिद्वंदी को अंक हासिल होता है.
कैसा होता है विजेता का फैसला
मैच को तीन गेम में बांटा जाता है. हर गेम में पहले 21 अंक हासिल करने वाला खिलाड़ी विजयी माना जाता है. तीन में से दो गेम अपने नाम करने वाला खिलाड़ी मैच का विजेता होता है. हर गेम में किसी एक खिलाड़ी के 11 अंक होने पर ब्रेक टाइम दिया जाता है. अगर दोनों खिलाड़ियों को 20-20 अंक हासिल होते हैं तो यह खेल तब तक जारी रहता है, जब तक किसी एक खिलाड़ी को दो अंको की लीड न हासिल हो जाए. हालांकि अगर 29 प्वॉइंट तक भी विजेता का फैसला नहीं होता है तो फैसला गोल्डन प्वॉइंट से किया जाता है. जो खिलाड़ी इसे जीत लेता है, उसे मैच का विजेता घोषित कर दिया जाता है.

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