बागेश्वर में भारी बारिश से सात सड़कें बंद

Spread the love

बागेश्वर। जिले में मानसूनी बारिश का दौर जारी है। रविवार की रात को भी बारिश हुई। इसके चलते कई बंद सड़कों को खोलने में दिक्कत आई। अब भी सात सड़कों पर यातायात बाधित है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर बारिश के बाद नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। नदियों में सिल्ट आने से कुछ स्थानों पर गंदे पानी की आपूर्ति से लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। रविवार की रात को जिला मुख्यालय सहित सभी तहसीलों में गरज के साथ बारिश हुई। सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार बागेश्वर में 7.50, गरुड़ में 10 और कपकोट ब्लॉक में पांच मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश से सरयू और गोमती नदियों का जलस्तर सामान्य से अधिक है। सोमवार की सुबह आठ बजे सरयू नदी का जलस्तर 866 मीटर और गोमती का 862.50 मीटर रिकॉर्ड किया गया। नदियों में सिल्ट आने से नगर के कुछ हिस्सों में नलों से गंदा पानी आ रहा है। काफलीगैर के जांठा, पगना और कपकोट के बसकूना गांवों में बारिश से पेयजल योजनाओं के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को पीने का पानी जुटाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर नगर सहित कई स्थानों पर बारिश के पानी की निकासी का प्रबंध नहीं होने से भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर के सैंज, मंडलसेरा सहित भराड़ी बाजार में जल भराव की समस्या के चलते लोग परेशान हैं। कहीं मलबा आने तो कहीं दीवार ढहने से बंद हैं सड़कें बागेश्वर। मानसूनी बारिश का कहर जिले की सड़कों पर जमकर टूटा है। भूस्खलन व मलबा गिरने के चलते कपकोट-गैरखेत सड़क किमी चार पर बंद है। ढालन-खुनौली मोटर मार्ग भी सुरक्षा दीवार के ध्वस्त होने से किमी नौ पर बंद है। तोली रोड पर भूस्खलन के बाद गिरे भारी बोल्डर से यातायात ठप है। ओखलधार-पपों-रताइश रोड पिछले तीन दिनों से बंद है। कपकोट-शामा-तेजम रोड पर भारी वहनों की आवाजाही अब भी शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि विभागीय कर्मचारियों ने हल्की गाड़िया गुजरने लायक रास्ता तैयार कर लिया है। तुनेरा-बसेत और सानिउडियार मोटर मार्ग पर भी कलमठ टूटने के कारण गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। कमस्यार घाटी की अठपैसिया-खातीगांव रोड बंद है तो देवतोली-नरगोली-बेरीनाग मोटर मार्ग पूरी तरह से बदहाल हो गया है। सड़कों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें तहसील व जिला मुख्यालय आने के लिए मीलों पैदल यात्रा करनी पड़ रही है।
मानसून को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है। सभी तहसीलों में बने कंट्रोल रूम में कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहकर हालात पर नजर रख रहे हैं। बंद सड़कों को खोलने का काम भी तेजी से चल रहा है। – शिखा सुयाल, आपदा प्रबंधन अधिकारी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *