उत्तराखंड

संसाधनों की बंदरबांट और खुली लूट मचाने वाले भी कर रहे भू-कानून का समर्थन : पीसी तिवारी

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि राज्य में संसाधनों की बंदरबांट और खुली लूट मचाने वाले भी पृथक भू-कानून का समर्थन करने लगे हैं। जबकि जमीनों के सवाल पर उपपा ने ही सर्वाधिक संघर्ष किया है। भाजपा और कांग्रेस ने बारी-बारी से प्राकृतिक संसाधनों की लूट मचाते हुए भू-माफिया को संरक्षण प्रदान किया। उन्होंने कहा कि अब सभी दलों द्वारा पृथक भू-कानून का समर्थन करना उपपा के संघर्षों और विचारधारा की जीत है। आगामी चुनावों के मद्देनजर शगूफों के प्रति जनता को सावधान रहते हुए संघर्षशील, विचाराधारा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। अत्यथा अन्य घोषणाओं की भांति यह मुद्दा भी सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह जाएगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए तिवारी ने कहा कि उपपा ने नानीसार समेत राज्य में जमीनों की लूट के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी है। जबकि राष्ट्रीय राजनीतिक दल पांच साल बूथ हथियाने की साजिश करने तक सीमित रहे। जन समस्याओं और तकलीफों से उनका कोई लेना-देना नहीं रहा। इन दलों के स्वार्थों के कारण हुई प्रदेश की भारी दुर्दशा को बदलने की जरूरत है। केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने उत्तराखंड की जिस आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा के लिए अलग राज्य की परिकल्पना रची गई थी, उसे दिल्ली की कठपुतली सरकारों और उनके जाल में फंसने वाले क्षेत्रीय नेताओं ने ध्वस्त कर दिया है।

उत्तराखंडी अस्मिता, प्राकृतिक संसाधनों पर जनता के अधिकारों के लिए आज सभी ईमानदार लोगों के बीच संवाद, विमर्श की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड की ताकतें इस पर सकारात्मक रुख कर विचार करेंगी तो उपपा इसकी पहल करने को तैयार है। राज्य में जमीनों की बंदरबांट करने वाले के वर्तमान में बदले सुरों से जनता को भ्रमित हुए बगैर सावधान रहने की जरूरत है। चुनावी फायदे के लिए अचानक अलग भू कानून की वकालत करने वालों को पहचाने की जरूरत है। विचारधारा और संघर्षशील नेतृत्व को आगे बढ़ाए बिना पहाड़ी राज्य की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती। कहा, हल्द्वानी में जल्द पार्टी का मजबूत संगठन नजर आएगा।

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