भारत बायोटेक की इंट्रानैसल फाइव आर्म्स बूस्टर खुराक को मिली मंजूरी, डीसीजीआई ने सीमित उपयोग की दी इजाजत

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के औषधि महानियंत्रक ने भारत बायोटेक के इंट्रानैसल फाइव आर्म्स बूस्टर खुराक को कोविड-19 के सीमित उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। सूत्रों की मानें तो अब इंजेक्शन की जगह नाक के रास्ते कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।
भारत बायोटेक का कहना है कि नेजल डोज अब तक इस्घ्तेमाल की जा रहीं अन्य कोरोना रोधी वैक्सीन से बिल्घ्कुल अलग होने के साथ ही ज्घ्यादा प्रभावी भी है। आसान शब्घ्दों में समझाएं, तो ये वैक्सीन नाक के जरिए शरीर में पहुंचेगी, इसलिए नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस के प्रवेश करते ही उसे खत्घ्म कर देगी। ऐसे में शरीर के अंदर दूसरे अंगों तक वायरस पहुंच ही नहीं पाएगा।
कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी विश्घ्व से टला नहीं है। चीन में कोरोना वायरस संक्रमण ने एक बार फिर लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। चीन में लगातार दूसरे दिन 30 हजार से ज्घ्यादा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आए थे। ऐसे में चीन के कई शहरों में लकडाउन लगा दिया गया है। ऐसे में यह कह पाना बेहद मुश्किल है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कब किस देश में तेजी पकड़ लें।
भारत में कोरोना वैक्घ्सीन अभियान युद्घस्तर पर चलाया गया था। अब तक 200 करोड़ से ज्घ्यादा कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारत में महामारी काबू में है। भारत में लाखों लोगों ने कोरोना वैक्घ्सीन की बूस्घ्टर डोस भी ले ली है। इधर, भारत बायोटेक के इंट्रानैसल फाइव आर्म्स बूस्टर खुराक भी कोरोना को हराने में अहम भूमिका निभाएगी, ऐसी उम्घ्मीद की जा रही है।

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