हिंद महासागर की गहराई में मिले विचित्र जीव, वैज्ञानिक भी हुए हैरान
नई दिल्ली, एजेंसी। समुद्र अद्भुत और बेहद विशाल होता है, जो तमाम अनोखे जीवों से भरा हुआ है। वहीं हिंद महासागर को लेकर वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में हैरानी जताई है। म्यूजियम विक्टोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक और शोधकर्ता बिना आंखों वाले ईल, चमगादड़ जैसी मछलियां और नुकीले दांतों वाली छिपकली मछली की खोज की है, इससे वे खुद भी हैरान है। संस्थान के एक बयान में कहा गया है कि म्यूजियम विक्टोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक टीम के नेतृत्व में अभियान ने पहली बार अस्ट्रेलिया के कोकोस आइलैंड्स मरीन पार्क में एक अभियान के दौरान इन जीवों की खोज की गई है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने बड़े पैमाने पर सपाट-चोटी वाले प्राचीन समुद्र-पहाड़ों का खुलासा किया, जो ज्वालामुखीय शंकुओं से घिरी हुई लकीरें, और रेत के हिमस्खलन से बने घाटी हैं, जो रसातल समुद्र तल पर नीचे गिर गए हैं। यही नहीं ब्ैप्त्व् अस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी द्वारा संचालित अनुसंधान पोत (त्ट) अन्वेषक ने भी हिंद महासागर क्षेत्रों में पहले अज्ञात गहरे समुद्र के जीवन का सर्वेक्षण किया।
इस अभियान के पानी के नीचे के वीडियो में सीमाउंट के शिखर पर मंडराते विविध मछली जीवन का पता चला है, जिसके नमूने सतह से पांच किलोमीटर नीचे गहराई से एकत्र किए गए हैं। सबसे आकर्षक खोजों में से जिलेटिनस त्वचा के साथ एक अंधी ईल है। शोधकर्ताओं ने कहा कि उनकी आंखें खराब रूप से विकसित होती हैं और असामान्य रूप से एक मछली के लिए, मादा जीवित युवा को जन्म देती हैं।
इसके अलावा एक और दिलचस्प प्राणी पाया गया है, जो एक गहरे समुद्र की बैटफिश है। यह समुद्र के तल पर अपने हाथों की तरह के पंखों पर घूमती है। टीम ने कहा कि शिकार को आकर्षित करने के लिए उनके थूथन पर एक छोटे से खोखले में श्मछली पकड़ने का आकर्षणश् होता है। इसके साथ ही ट्रिब्यूट स्पाइडरफिश भी पाई गई है, जिसमें गाढ़े सिरों के साथ लंबे निचले पंख थे, जो इसे नीचे से ऊपर की ओर बढ़ने की अनुमति देते थे जैसे कि यह स्टिल्ट्स पर था, जिससे यह छोटे झींगों को खिलाने के लिए एकदम सही ऊंचाई देता है। देखे गए अन्य जीवों में विचित्र पेलिकन ईल, हाईफिन छिपकली मछली, पेटू स्लोन की वाइपरफिश, द स्लेंडर स्निप ईल, पैनकेक समुद्री अर्चिन और प्यूमिस स्टोन शामिल हैं।
इस अभियान के मुख्य वैज्ञानिक म्यूजियम विक्टोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के टिम ओहारा ने कहा, श्हमने इस दूरस्थ समुद्री पार्क में रहने वाली संभावित नई प्रजातियों की एक अद्भुत संख्या की खोज की है।श् टीम ने खुद कोकोस (कीलिंग) द्वीप समूह के नीचे विशाल पर्वत की विस्तृत त्रि-आयामी छवियां तैयार की हैं, जिसे बयान के मुताबिक पहले कभी भी विस्तार से मैप नहीं किया गया था।
ओहारा ने आगे कहा, हमने इन नए 3डी मानचित्रों और पानी के नीचे की वीडियो छवियों को जहाज से सीधे कोकोस (कीलिंग) द्वीप समूह के लोगों के लिए प्रसारित किया है, जो अपने समुद्री दृश्य को इसकी सभी भव्यता में देखने के लिए बेहद उत्साहित हैं।