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महाराष्ट्र में जन्माष्टमी पर दही-हांडी उत्सव की धूम, मुंबई में 78 गोविंदा घायल

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मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में शुक्रवार को जन्माष्टमी पर दही-हांडीउत्सव की धूम रही। मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के तहत दही हांडी के उत्सव के दौरान अब तक कुल 78 गोविंदा घायल हो गए। जिनमें से 67 का इलाज किया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई। 11 का इलाज चल रहा है, हालत स्थिर है। पूरे महाराष्ट्र में गोविंदा मंडली ने जन्माष्टमी उत्सव के दौरान जमीन से ऊपर लटका हुआ छाछ या दही युक्त मिट्टी के बर्तन को तोड़ा। इस दौरान ऊंचाई से गिरकर गोविंदा घायल हो गए।
वहीं, पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे जन्माष्टमी के अवसर पर मुंबई में दही-हांडी समारोह में शामिल हुए।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि अपराह्न तीन बजे तक मुंबई में गोविंदा मंडली के 78 सदस्य घायल हो गए। इनमें से 67 को इलाज के बाद टुट्टी दे दी गई, जबकि 11 गोविंदाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनकी हालत स्थिर बताई गई है। घायलों में नौ गोविंदों का इलाज नगर निगम द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में, पांच का नायर अस्पताल में और चार का पोद्दार अस्पताल में किया गया।
श्रीष्ण के जन्मोत्सव पर महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाने वाला दही-हांडी त्योहार साहसिक खेलों की श्रेणी में आ गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में श्दही-हांडीश् को साहसिक खेल का दर्जा देने के साथ ही इसे खेलने वाले गोविंदाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। जन्माष्टमी के अवसर पर दही-हांडी के आयोजन को साहसिक खेल का टैग मिलने के साथ इसमें भाग लेने वाले युवा (गोविंदा) खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। दही-हांडी में भाग लेते हुए हताहत होने पर पीडिघ्त गोविंदा या उनके स्वजनों को मुआवजा भी दिया जाएगा। कई मीटर ऊपर हवा में बंधी दही वाली मिट्टी की मटकी को तोड़ने के लिए गोविंदा ऊंचे मानव पिरामिड बनाते हैं। इस क्रम में किसी के भी गिर कर मरने की सूरत में महाराष्ट्र सरकार उस गोविंदा या खिलाड़ी के आश्रित परिवार वालों को दस लाख रुपये का मुआवजा देगी। यदि गोविंदा को गंभीर चोट आएगी तो उसे सात लाख रुपये का मुआवजा और फ्रैक्चर जैसी चोट आने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
शिंदे ने विधानसभा में बताया कि घायल गोविंदाओं के इलाज का खर्च भी महाराष्ट्र सरकार ही उठाएगी। दही-हांडी के आयोजन में रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे गोविंदा मानव श्रृंखला बनाकर एक-दूसरे के कंधे पर चढ़ते हुए विशाल पिरामिड बनाते हैं। दही की मटकी फोड़ने से रोकने के लिए वहां मौजूद लोग उन पर पानी की तेज बौछार डालते हैं जिससे उनका संतुलन बिगड़े और वह हांडी तक नहीं पहुंचे। इस प्रक्रिया में कई बार हादसे भी होते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने घायलों के इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं ताकि ऐसी किसी भी आपात स्थिति में उन्हें त्वरित इलाज मिले। राज्य, खासकर मुंबई के सरकारी अस्पतालों में तीस से पांच बेड सुरक्षित करा दिए हैं। सभी अस्पतालों में सर्जनों, ओर्थोपेडिक डाक्टरों, ओपेथेमोलोजी डाक्टरों को अलर्ट पर रहने को कहा है। सभी अस्पतालों को घायलों का ब्योरा सीएमएस आफिस को देना होगा। इस साल शुक्रवार को आयोजित होने वाली दही-हांडी के लिए शिंदे सरकार और विपक्षी उद्घव ठाकरे के बीच दही-हांडी को बढ़-चढ़ कर मनाने की होड़ लगी हुई है। दोनों ही पक्ष भव्य आयोजन करा रहे हैं और अधिकाधिक लोगों को जुटा रहे हैं।

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