उत्तराखंड

नगर निगम की बैठक में भिड़े बीजेपी-कांग्रेस पार्षद

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देहरादून। नगर निगम की बोर्ड बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। हंगामा नई बस्ती चंदर रोड का नाम बदलकर शहीद राजेश रावत के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव पर हुआ। इस पर क्षेत्र की कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने आपत्ति जताई और हंगामा करने लगी। हंगामे के बीच पार्षद मीना बिष्ट ने शहीद को पत्थरबाज कह दिया। इसके बाद बैठक में भाजपा पार्षदों ने जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा पार्षदों ने मीना बिष्ट से माफी मांगने को कहा और कांग्रेस पार्षद मुर्दाबाद के नारे लगाए। हंगामा बढ़ता देख कांग्रेस पार्षद बैठक छोड़कर चली गईं। देहरादून नगर निगम वार्ड-28 की पार्षद मीना बिष्ट ने बताया कि नई बस्ती चंदर रोड का नाम 50 सालों से है। बस्ती में करीब 6 हजार लोग रहते हैं। नगर निगम द्वारा मुझसे किसी भी तरह की कोई सहमति नहीं ली गई। पार्षद की सहमति से नाम बदलने की प्रक्रिया की जानी चाहिए थी। साथ ही बताया कि अगर कोई किसी के घर पर पत्थर देंके और घर तोड़े तो वह शहीद नहीं हो सकता है।
वहीं, मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शहीद राजेश रावत के नाम पर चंदर रोड नगर नई बस्ती के लोग हमारे पास आये थे और बस्ती का नाम शहीद राजेश रावत के नाम पर रखने का आग्रह किया था। शहीद का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। नई बस्ती चंदन नगर के पार्षद ने इसका विरोध किया है। पार्षद के विरोध दर्ज करते हुए नई बस्ती का नाम राजेश रावत के नाम का प्रस्ताव पास किया गया है।
कौन हैं शहीद राजेश रावत: 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर गोली कांड की दर्दनाक घटना के अगले दिन 3 अक्टूबर को देहरादून में राज्य आंदोलनकारियों में उबाल आ गया और यूपी सरकार मुर्दाबाद और यूपी पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए लोग जगह-जगह से सड़कों पर निकलने लगे। इस दौरान डीएवी महाविद्यालय की ओर से करनपुर में भी छात्रों व राज्य आंदोलनकारियों का हुजूम निकल पड़ा। काफी संख्या में राज्य आंदोलनकारी नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे। तभी किसी ने पीटे से एक पत्थर देंका और तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता सूर्यकांत धस्माना के आवास पर भीड़ जुटने लगी। तभी अचानक भीड़ में कुछ छात्रों को छर्रे लगे और अचानक राजेश एक गोली का शिकार होकर शहीद हो गए।
हंगामे के बीच 16 प्रस्ताव पासरू बोर्ड बैठक में 16 प्रस्ताव रखे गये जिसमें सभी को सर्वसम्मति से पास किया गया। बोर्ड बैठक में मुख्य रूप से शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट को दूसरी जगह शिफ्ट करने, मलिन बस्तियों से हाउस टैक्स लिए जाने, सभी वार्डों में सीसीटीवी लगाए जाने, दुकानों के आगे फड़ लगाये जाने पर संबंधित दुकानदार से दो हजार रुपये का जुर्माना लिए जाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव बैठक में पास किये गए।

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