वीडी शर्मा और नरेंद्र तोमर के गढ़ में मिली हार, विंध्य-चंबल में कमजोर हुई भाजपा
संपाल, एजेंसी। मध्यप्रदेश के निकाय चुनाव के दूसरे दौर के परिणाम भी बुधवार को आ गए। प्रदेश की इन पांच निगमों में भी कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। कांग्रेस ने जहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ मुरैना के साथ रीवा भी भाजपा से छीन ली है। जबकि भाजपा के खाते में रतलाम और देवास की सीट आई है। हालांकि इन चुनावों में बड़ा उलटफेर भाजपा प्रदेश और सांसद वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र कटनी में देखने को मिला हैं। यहां से भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव इन पांचों निगमों पर भाजपा महापौर चुना गया था।
नगर निकाय के चुनावों के परिणाम के बाद यह साफ हो गया है कि भाजपा का दबदबा फिलहाल मालवा क्षेत्र में कायम है। विंध्य और चंबल में पार्टी पहले के मुकाबले कमजोर हुई है। अमर उजाला से चर्चा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र कटनी निगम पर भाजपा के निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। हमने समन्वय बनाने का प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली। हम कैसे हारे इसकी समीक्षा करेंगे। मुरैना नगर निगम में भी हमें हार मिली है। जल्द ही पार्टी सभी जगह के हार के कारणों की समीक्षा करेगी।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ कहे जाने वाले मुरैना में भाजपा की महापौर प्रत्याशी मीना-मुकेश जाटव और कांग्रेस प्रत्याशी शारदा सोलंकी के बीच कांटे का मुकाबला था। भाजपा के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना नाक का सवाल बन गया था। क्योंकि सीएम शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां कमान संभाल रखी थी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रचार किया था। जबकि कांग्रेस के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ प्रचार के लिए आए थे। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी शारदा सोलंकी ने जीत दर्ज की है। तोमर के गढ़ में कांग्रेस की ये पहली जीत है। वहीं 24 साल से भाजपा के कब्जे वाली रीवा निगम को भी कांग्रेस ने भाजपा से छीन लिया है। कांग्रेस और भाजपा के बीच इस सीट को लेकर कड़ा मुकाबला था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो बार प्रचार के लिए यहां आए थे।
प्रदेश की कटनी नगर निगम पर बड़ा उल्टफेर देखने को मिला है। यहां से निर्दलीय महापौर प्रत्याशी प्रीति सूरी की जीत हुई है। प्रीति सूरी भाजपा की बागी प्रत्याशी हैं। यहां पहली बार कोई निर्दलीय प्रत्याशी महापौर बना है। प्रीति सूरी ने पांच हजार से ज्यादा वोटों से भाजपा प्रत्याशी ज्योति दीक्षित को हराकर जीता हासिल की है। इसके पहले कटनी पिछले 10 सालों से भाजपा का कब्जा था। कटनी नगर निगम क्षेत्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में आता है, इस लिहाज से कटनी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई थी। अब महापौर की दौड़ में भाजपा की हार से पार्टी को झटका लगा है। कटनी की तीन विधानसभा खजुराहो लोकसभा में हैं। खजुराहो से ही वीडी शर्मा सांसद हैं।
इधर, रतलाम और देवास निगम पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर थी। रतलाम में भाजपा के प्रहलाद पटेल और कांग्रेस के मयंक जाट के बीच मुकाबला था। पटेल के लिए भाजपा के बागी उम्मीदवार अरुण राव के मैदान में होने से मुकाबला मुश्किल माना जा रहा था। हालांकि भाजपा के प्रहलाद पटेल यहां से 8951 वोटों से जीत गए हैं। देवास में भाजपा प्रत्याशी गीता अग्रवाल को कांग्रेस की विनोदनी व्यास और निर्दलीय प्रत्याशी मनीषा चौधरी टक्कर दे रहीं थीं। त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन यहां से भाजपा महापौर प्रत्याशी गीता अग्रवाल ने जीत दर्ज की है। उन्हें 89502 मत मिले, जबकि कांग्रेस की विनोदिनी व्यास को 43618 वोट मिले। इस प्रकार भाजपा प्रत्याशी ने 45884 वोटों से जीत दर्ज की।
मध्यप्रदेश की राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार और लेखक बृजेश राजपूत अमर उजाला से बातचीत कहते हैं कि नगर निकाय चुनाव को 2023 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जाता हैं। अगर हम वाकई इसे सेमीफाइनल मानें तो फिलहाल भाजपा की हालत ठीक नहीं है। इन चुनावों में कांग्रेस ने पहले के मुकाबले बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। कई अहम निगमों पर भाजपा को हार मिली है। यह हार भाजपा के लिए एक खतरे की घंटी है। भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले कई निगमों पर कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा किया हैं। इससे साफ नजर आ रहा है भाजपा के प्रति लोगों का मोहभंग हो रहा है। बड़े निगमों पर हार की दो ही वजह हैं। पहला टिकट वितरण ठीक तरीके से नहीं होना और दूसरा योग्य और अनुभवी नेताओं को छोड़कर किसी नए अनजान चेहरे पर दांव लगाना। इसी का परिणाम इन चुनावों में भाजपा ने भुगता है। इन चुनावों में भाजपा ने भाजपा को हराने का काम किया। कई जगह बागी होकर कार्यकताओं ने चुनाव लड़ा। तो दूसरा कई जगह पार्टी कार्यकर्ता उम्मीदवारों के चयन से ही नाराज थे।
पहले चरण में 11 नगर निगम में वोटिंग हुई थी। जिसके परिणाम 17 जुलाई को आए थे। भोपाल, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, सागर और सतना में भाजपा ने जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस ने जबलपुर, ग्वालियर और टिंदवाड़ा पर कब्जा जमाया। सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल महापौर चुनी गईं।