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राहुल गांधी पर हमलावर हुई भाजपा, कहा – कांग्रेस नेता कभी नहीं पूछते कोई सवाल, नहीं चाहते सदन में हो चर्चा

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। नई दिल्ली, एजेंसी। मानसून सत्र के तीसरे दिन संसद की कार्यवाही बाधित रही। इस दौरान महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और ज्त्ै सांसदों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन महंगाई और रोजमर्रा की चीजों पर लगने वाले ळैज् के मुद्दे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और स्मृति ईरानी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा में महंगाई और कई सामानों खासकर लेबल वाले खाद्य पदार्थ पर जीएसटी लागू होने के मुद्दों पर उनके विरोध के कारण तीसरे दिन बहुत कम कामकाज हुआ है। उन्घ्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना से उबरने के बाद सरकार महंगाई पर संसद में बहस के लिए तैयार है। विधायिका की उत्पादकता को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है।
पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी दोनों ने कहा कि निर्मला सीतारमण मामले पर बहस का जवाब देंगी। उन्घ्होंने जोर देकर कहा कि सरकार उनके ठीक होने और संसद में वापस आने के बाद विपक्ष की मांग के अनुसार चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया कि सरकार बहस से भाग रही है और सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला बोला।
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस का लोकतंत्र के प्रति विनाशकारी रवैया है। जयराम रमेश के ट्वीट से यह उजागर हो गया कि कांग्रेस सदन को चलने नहीं देने में सफल रही। उन्होंने कहा कि सरकार किसी बहस से नहीं भाग रही है। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस की दिलचस्पी रचनात्मक बहस में नहीं बल्कि श्विनाशकारी क्षतिश् में है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को बहस करने की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष ने भी चर्चा के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है, लेकिन विपक्ष को नियमों का पालन करना चाहिए। इससे पहले दिन में संसद में स्घ्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया, जिसके कारण दोनों सदनों में बार-बार स्थगन हुआ। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक रूप से अनुत्पादक हो सकते हैं, लेकिन उन्हें संसद की उत्पादकता पर लगातार अंकुश लगाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का राजनीतिक जीवन संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं के अनादर के प्रदर्शन के साथ बिताया है। उन्होंने कहा कि वह अब लोकसभा की उत्पादकता को कम करने पर अड़े हैं।
2004 और 2019 के बीच अमेठी के सांसद के रूप में उन्होंने संसद में कभी कोई सवाल नहीं किया और जब उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र को श्छोड़ दियाश् और केरल में वायनाड से सांसद बने, तो 2019 में शीतकालीन सत्र में लोकसभा में उनकी उपस्थिति 40 प्रतिशत से कम थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी निजी सदस्य के विधेयक का प्रस्ताव नहीं दिया। स्घ्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में गांधी को हराया था। मंत्री ने उनकी लगातार विदेश यात्राओं पर भी कटाक्ष किया और कहा कि यह उनकी ही पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन संसदीय परंपराओं का अनादर करते हुए बीता है। अब वह यह सुनिश्चित करने के लिए खुद को समर्पित कर रहे हैं कि संसदीय कार्यवाही और बहस न हो। उन्घ्होंने पूछा कि रचनाकार राहुल गांधी से आज भाजपा के कार्यकर्ता पूछते हैं कि आपने अपने संसदीय इतिहास में लोकसभा में कितने प्राइवेट मेंबर बिल प्रस्तुत किए?
विपक्ष ने 25 किलो से कम वजन वाले अनाज, दाल और आटे जैसे पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत जीएसटी को वापस लेने की मांग की है। दही और लस्सी जैसे लीटर में मापी जाने वाली वस्तु के लिए सीमा 25 लीटर है। इसके सदस्यों ने विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में सामान्य वृद्घि पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगों को लेकर बैनरों के अलावा पैकेटबंद दूध, दही, मक्खन और छाछ साथ ले गए। पीयूष गोयल ने बताया कि कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्री जीएसटी परिषद का हिस्सा थे, जिसने कर को मंजूरी दी थी।
मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में स्थानीय चुनावों के परिणामों का हवाला देते हुए जिसमें भाजपा ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराया है, पीयूष गोयल ने कहा कि वे दिखाते हैं कि लोग किसके पक्ष में हैं। विपक्ष द्वारा प्रश्नकाल जैसी महत्वपूर्ण कार्यवाही में बाधा डालने पर आपत्ति जताते हुए प्रह्लाद जोशी ने कहा कि एक घंटे का सत्र जिसमें सरकार के मंत्री सदस्यों के सवालों का जवाब देते हैं, संसदीय कार्यवाही का दिल है।

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