मल्लिकार्जुन खरगे के हमले पर बीजेपी का पलटवार, नड्डा बोले- कांग्रेस को गरीबों और लोक सेवकों से परेशानी
नई दिल्ली , एजेंसी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज भाजपा के चुनावी अभियान पर तीखा हमला बोला। खरगे ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है। इन आरोपों पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पलटवार किया। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को देश के गरीबों की सेवा करने वाले अधिकारियों और लोक सेवकों से परेशानी है। पार्टी देश की जनता की गरीबी दूर होते नहीं देख सकती।
नड्डा ने खरगे के बयान के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस और खरगे को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “मुझे देखकर हैरानी होती है कि कांग्रेस पार्टी को योजनाओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले लोक सेवकों से दिक्कत है।” उन्होंने सवाल किया कि अगर शासन का मूल सिद्धांत यह नहीं है, तो क्या है?
भाजपा की ‘रथ यात्रा’ पर भी खरगे ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, मोदी सरकार हमेशा केवल प्रचार में ही लगी रहती है। देश में उनके खिलाफ माहौल बन रहा है। ऐसे समय में भाजपा ने आदेश निकाला है कि अफसर, अब उनकी सरकार के प्रचार के लिए “रथ प्रभारी” बनेंगे। अब वो सरकारी काम छोड़ कर सरकार की रथ यात्रा निकालेंगे। इस पर नड्डा ने कहा, कभी युद्धपोतों का इस्तेमाल निजी नौकाओं के रूप में किया गया। ऐसे कारनामों के विपरीत भाजपा सार्वजनिक संसाधनों का उपयुक्त उपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा, शायद कांग्रेस पार्टी के लिए यह केवल एक अलग अवधारणा है, लेकिन भाजपा सार्वजनिक सेवाओं को जनता तक पहुंचाने को सरकार का कर्तव्य मानती है। बकौल भाजपा प्रमुख नड्डा, “यदि मोदी सरकार सभी योजनाओं को पूरा कर सभी लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करना चाहती है, तो इससे गरीबों के हित को ध्यान में रखने वाले किसी भी व्यक्ति को समस्या नहीं हो सकती।”
नड्डा ने कांग्रेस को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि कांग्रेस की रुचि केवल गरीबों को गरीब बनाए रखने में है। उन्होंने कहा कि गरीबों का विरोध करने वाली कांग्रेस इसलिए भाजपा के जनकल्याणकारी अभियानों का विरोध करने पर आमादा है।
बता दें कि खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भाजपा के चुनावी अभियान पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, मोदी सरकार के लिए, सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान, हथियार और विभाग अब आधिकारिक तौर पर ‘प्रचारक’ बन चुके हैं! उन्होंने कहा, हमारे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के मद्देनजर, यह जरूरी है कि उन आदेशों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए जिनसे नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा मिलेगा।