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भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को बनाया गया प्रोटेम स्पीकर, राज्यपाल ने किया नियुक्त

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देहरादून । नई सरकार में कौन मंत्री बनेगा और किसको सौंपी जाएगी विधानसभा अध्यक्ष की कमान, राजनीतिक हलकों समेत आमजन के बीच इसकी खासी चर्चा है। नई कैबिनेट में पुराने चेहरों से इतर नए नामों की सूची लंबी होती जा रही है, लेकिन इसी बीच राज्य में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कर दी गई है।
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के गठन के लिए वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि़) ने कालाढूंगी से विधायक चुने गए बंशीधर को नया विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने तक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। इस संबंध में राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर दी है।
संविधान के अनुच्छेद 180(1) के तहत राज्यपाल ने सातवीं बार विधायक चुने गए भाजपा के बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। जल्द ही राज्यपाल की ओर से प्रोटेम स्पीकर को पद की शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।
बंशीधर भगत राज्य के छठे प्रोटेम स्पीकर होंगे। इससे पूर्व 2017 में हरबंस कपूर ने पांचवें प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली थी। होली के बाद नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
चुनाव के बाद जब तक विधानसभा की ओर से नए अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कर लिया जाता है। तब तक विधानसभा अध्यक्ष पद के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए संविधान के अनुच्टेद-180(1) के अनुसार राज्यपाल की ओर से कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) की नियुक्ति की जाती है।
इसके साथ ही संविधान के अनुच्टेद-188 के प्रावधान के अनुसार नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन में स्थान ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी आवश्यक होता है। ऐसे में राज्यपाल की ओर से वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। प्रोटेम स्पीकर ही अन्य सदस्यों को शपथ दिलाते हैं। शपथ लेने के बाद ही सदस्य विधानसभा अध्यक्ष को चुनते हैं। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रोटेम स्पीकर को भी सदस्य की शपथ दिलाते हैं।
बंशीधर भगत अब तक सात बार विधायक बन चुके हैं। वर्ष 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक चुने गए। फिर 1993 दूसरी व 1996 में तीसरी बार नैनीताल के विधायक बने। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री, वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला।
वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद वह उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री रहे। वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा से वह चौथी बार विधायक बने। उन्हें वन और परिवहन मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2012 में परिसीमन कालाढूंगी विधानसभा से उन्होंने फिर विजय प्राप्त की। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में छठी जीत दर्ज की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने सातवीं बार कालाढूंगी से इस बार भी जीत दर्ज की है।

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