उत्तराखंड

भूमिधरी अधिकार नहीं मिलने पर काला दिवस मनाया

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हरिद्वार। वर्ष 1982 में टिहरी बांध परियोजना के अंतर्गत टिहरी से लगभग 440 परिवारों को विस्थापित करके हरिद्वार ग्रामीण के पथरी क्षेत्र में बसाया गया था। किंतु 42 वर्ष पूर्ण होने पर भी अभी तक किसी भी परिवार को भूमिधरी का अधिकार नहीं मिल पाया है। विस्थापित परिवार वर्षों से लगातार अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। रविवार को विस्थापितों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया और आगामी चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। रविवार को टिहरी डोबनगर के पंचायत भवन में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सभी छह ग्राम प्रधानों की उपस्थिति में प्रस्ताव पारित किया गया कि अगर टिहरी विस्थापित पथरी जनपद हरिद्वार भाग 1,2,3,4 को भूमिधर अधिकार नहीं मिलता तो सभी ग्राम पंचायत के निवासी आगामी लोकसभा निर्वाचन 2024 के साथ-साथ आगामी सभी तरह के चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे। बैठक में मौजूद कांग्रेस सरकार में पूर्व राज्यमंत्री रहे महावीर सिंह रावत ने कहा कि पूर्व में भी सरकारों ने हमें ठगा है, किंतु अब ये सिलसिला नहीं चलने दिया जाएगा। यदि हमें भूमिधरी अधिकार नहीं दिया गया तो आने वाले सभी चुनाव का पूर्ण रूप से टिहरी विस्थापित की सभी पंचायतें बहिष्कार करेंगी। साथ ही उन्होंने बताया की यदि इससे भी बात नहीं बनी तो धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा की यदि जरूरत पड़ी तो माननीय न्यायालय के समक्ष अपनी बात को रखेंगे। वहीं दूसरी ओर बैठक में मौजूद ग्राम प्रधान मंजीत खरोला ने बताया की पूर्ण रूप से चुनाव का बहिष्कार ही हमें भूमिधरी का अधिकार दिलाएगा। भूमिधरी अधिकार नहीं मिलने से नाराज विस्थापितों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर रविवार को काला दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर गब्बर सिंह, अमर सिंह, आशा डोभाल, प्रमोद नौटियाल, शोबन सिंह चौहान, मंजू देवी, धन सिंह खारोला, अरविंद सिंह रावत, जोत सिंह, राजपाल, भीम सिंह, महावीर सिंह खारोला, महावीर सिंह गोसाईं, शूरवीर सिंह पंवार, प्रेम सिंह रावत, उत्तम सिंह चौहान, कलीराम आदि उपस्थित रहे।

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