उत्तराखंड

दुदबोली त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन

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रामनगर। कुमाउनी भाषा में साहित्य अकादमी से पुरस्त स्व़ मथुरादत मठपाल की ओर से कुमाउनी में शुरू की गई पत्रिका दुदबोलि अब दिल्ली से नए तेवर कलेवर के साथ शुरू हो गई है। त्रैमासिक रूप में निकल रही पत्रिका के रविवार को नए अंक का विमोचन स्व़ मथुरादत्त मठपाल की पत्नी नंदिनी मठपाल, संपादक चारू तिवारी, महाविद्यालय में हिंदी विभाग प्रमुख प्रो़ गिरीश चंद्र पंत और अन्य गणमान्यों की मौजूद्गी में किया। पम्पापुर में हुए एक कार्यक्रम में पत्रिका के संपादक चारू तिवारी ने बताया कि अब दुदबोलि त्रैमासिक कुमाउनी पत्रिका के रूप में प्रकाशित होगी। मथुरादत्त मठपाल के परिवार की सहमति पर अब इसके प्रकाशन की जिम्मेदारी कुमाउनी भाषा एवं सांस्तिक समिति नई दिल्ली ने ली है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्व़मठपाल ने कुमाउनी भाषा के साथ उत्तराखंड की अन्य भाषाओं के साहित्य और नेपाली साहित्य को लगातार आठ साल प्रकाशित किया, हम उस परंपरा को जारी रखने का पूरा प्रयास करेंगे। इस अंक में प्रो़ शेखर पाठक का श्भाषाई विविधता बचानी होगीश्, जगमोहन रोतेला का श्कुमाउनी-गढ़वाली भाषा हैं सिर्फ बोलि नहींश्, के अलावा भगवती प्रसाद नौटियाल, दिनेश कर्नाटक, पूरन कांडपाल, रमाकांत बेंजवाल, दिनेश ध्यानी के सारगर्भित आलेख हैं। वरिष्ठ कुमाउनी साहित्यकार जगदीश जोशी के काव्य संग्रह जैड़डी उज्याव की समीक्षा भी प्रकाशित है।
इस मौके पर स्व़ मठपाल की कविताओं का पाठ भी किया गया। कार्यक्रम में संपादक मंडल के सदस्य सुरेंद्र हाल्सी, नवेंदु मठपाल, हरिमोहन मोहन, डा़ पुष्पेंदु मठपाल, मितेश्वर आनंद, निखिलेश उपाध्याय, भुवन पपनै, नवीन तिवारी, सीपी खाती आदि रहे।

 

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