बिग ब्रेकिंग

घर पर बन रहे थे ब्लैक फंगस और कोरोना के नकली इंजेक्शन, दो डक्टर समेत 10 गिरफ्तार

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित एक डक्टर के घर में ब्लैक फंगस और कोरोना के नकली इंजेक्शन बन रहे थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस गोरखधंधे से पर्दा उठाकर दो डक्टर व एक इंजीनियर समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े लिपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी, रेमडेसिविर समेत कोविड व ब्लैक फंगस की नकली इंजेक्शन बना रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 3293 इंजेक्शन, हाई क्वालिटी की रंगीन फोटो स्टेट मशीन, इंजेक्शन बनाने का कच्चा माल, लैपटप व अन्य सामान बरामद किया है। पकड़े गए आरोपियों में दो एमबीबीएस डक्टर हैं।
गैंग सरगना डक्टर अलतमश हुसैन को यूपी अपराध शाखा ने 29 अप्रैल को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया था। आठ मई को वह जेल से बाहर आया था। इसके बाद उसने खुद ही अपने घर पर इंजेक्शन की फैक्टरी लगाकर गोरखधंधा शुरू कर दिया। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम पकड़े गए सभी आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
अपराध शाखा की पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि उनकी टीम को ड्रग कंट्रोल विभाग, दिल्ली सरकार से शिकायत मिली थी कि कुछ लोग ब्लैक फंगस और कोरोना की दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में जांच करते हुए एसीपी संदीप लांबा की टीम को सूचना मिली कि एक युवक ब्लैक फंगस की दवा की डिलीवरी देने के लिए जामिया मेट्रो स्टेशन के गेट के पास आने वाला है। सूचना के बाद पुलिस ने वहां से वसीम खान नामक युवक को दबोचा।
आरोपी ने बताया कि वह मयंक तालूजा नामक शख्स के कहने पर मोहम्मद फैजल से लिपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन सप्लाई करने आया है। फैजल जामिया नगर के ही एक मेडिकल स्टोर अल-खिदमात पर सेल्समैन का काम करता था। पुलिस ने मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर उसके मालिक शुएब खान और दो सेल्समैन मोहम्मद फैजल यासीन व अफजल को दबोच लिया। इनके पास से कुल 10 ब्लैक फंगस के इंजेक्शन बरामद हुए। उसी दौरान वहां पर अपने इंजेक्शन की पेमेंट लेने के लिए इनका सप्लायर मयंक तालूजा पहुंच गया। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। बाद में इंजेक्शन को जांच के लिए भेजा गया, सभी नकली पाए गए।
पूछताछ के दौरान शुएब ने बताया कि साकेत स्थित मैडीज हेल्थ केयर का शिवम भाटिया उनको ब्लैक फंगस के इंजेक्शन मुहैया करवाता है। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी शिवम भाटिया को भी साकेत से गिरफ्तार कर लिया। सभी के खिलाफ क्राइम ब्रांच थाने में 18 जून को मामला दर्ज किया गया। पकड़े गए सभी छह आरोपियों से पूछताछ हुई। शिवम ने बताया कि सारे इंजेक्शव वह निजामुद्दीन के मो़ अफताब उर्फ सोनू से लेकर आता है। इसके बाद वह आगे इनको जरूरतमंद लोगों व केमिस्ट की दुकानों पर ऊंचे दामों में सप्लाई करता है।
पुलिस ने शिवम भाटिया, मयंक तालूजा, वसीम खान व शुएब की चार दिन की पुलिस रिमांड लेकर उनसे पूछताछ की। इनसे पूछताछ के बाद निजामुद्दीन वेस्ट इलाके से मो़ सोनू उर्फ आफताब को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी सोनू ने बताया कि इसका भाई ड़ अलतमश हुसैन इस पूरे गैंग का मास्टर माइंड है। उसने निजामुद्दीन में किराए की कोठी लेकर वहां पर इन नकली इंजेक्शन की फैक्टरी लगाई हुई है।
पुलिस ने सोनू की निशानदेही पर ड़अलतमश के घर पर छापा मारा। वहां से कुल 3283 इंजेक्शन, इनमें 858 लिपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी, 206 रेमडेसिविर व अन्य बरामद हुए। इसके अलावा पैकिंग का सामान, इसमें भारी मात्रा में नकली इंजेक्शर के रेपर, लैपटप, फोटो स्टेशन मशीन और नकली इंजेक्शन बनाने का सामान बरामद हुए। पुलिस ने आरोपी सोनू के मोबाइल की जांच की तो पता चला कि इनके साथ मेडीज हेल्थ कनेक्ट संस्था, सैदुल्लाह जांब का मालिक ड़ आमिर व डायरेटर फैजान भी जुड़ा है। शिवम भाटिया इनका ही कर्मचारी था। पुलिस ने ड़ आमिर व फैजान को भी गिरफ्तार कर लिया। अब मामले में नौ गिरफ्तारी हो चुकी थी।
इस पूरे गैंग के नौ लोगों की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी ड़ अलतमश की तलाश शुरू की। उसकी लोकेशन यूपी के देवरिया की मिली। एक टीम को फौरन वहां भेजा गया। पुलिस की टीम ने आरोपी को देवरिया से दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने कबूल कर लिया कि वह इन जीवन रक्षक दवाईयों को नकली बना बेच रहा था। सभी दवाईयों नामी विदेशी कंपनी के नाम से बेची जा रही थीं। आरोपी ड़ अलतमश पहले भी इसी तरह के पांच मामलों में शामिल रह चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!