कोटद्वार-पौड़ी

टिहरी में हुई बारिश, वन विभाग ने ली राहत की सांस

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नई टिहरी : शनिवार को हुई हल्की बारिश ने वनाग्नि के मामलों में थोड़ी राहत दी है। फायर सीजन में अब तक टिहरी जिले के तीन वन प्रभागों में 80 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें 54 हेक्टेयर वन भूमि आग की चपेट में आने से विभाग को 80 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उप प्रभागीय वनाधिकारी राखी जुयाल ने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं की सूचना के लिए जिला मुख्यालय में एक मास्टर कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। जिसमें टिहरी, नरेंद्रनगर और मसूरी वन प्रभाग की आग की घटनाओं की सूचना, निगरानी और क्यूआरटी टीम मूवमेंट आदि की जानकारी ली जा सकती है। बताया कि शनिवार को हुई बारिश से वनाग्नि की घटनाओं को लेकर थोड़ा राहत मिली है। इससे जंगलों में लगी आग काफी हद तक बुझ गई है। रश्मि के अनुसार जिलेभर में कुल 180 क्रूस्टेशन तैयार किए गए हैं। वनाग्नि की घटनाएं होने पर इन स्टेशन से फायर वाचर बचाव उपकरण के साथ आग बुझाने पहुंचते हैं। प्रत्येक क्रू स्टेशन पर 3 से 6 फायर वाचर लगाए गए हैं। इसके अलावा हंस फाउंडेशन की ओर से फायर फाइटर भी गांवों में रखे गए हैं। वन पंचायतों को आग बुझाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पूरे जिले में विभागीय कार्मिक जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। राजस्व, पुलिस, आपदा प्रबंधन और अग्निशमन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। अब तक सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 46 और आरक्षित वन क्षेत्र में 34 कुल 80 वनाग्नि की घटनाएं जिले में घटित हो चुकी हैं। राहत की बात यह है कि इसमें कोई जानमाल और वन्य पशुओं को नुकसान नहीं पहुंचा है। आरक्षित वन क्षेत्र में वनाग्नि से 28.53 और सिविल वन क्षेत्र में 25.1 कुल 53.45 हेक्टेयर वन भूमि को आग से नुकसान हुआ है। 15 जून मानसून की दस्तक तक अगले कुछ दिन विभाग के लिए चुनौती बने हुए हैं। (एजेंसी)

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