हल्द्वानी से लापता रेंजर का शव भीमताल झील में मिला
हल्द्वानी। पंद्रह दिनों से लापता तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रेंजर हरीश चंद्र पांडे का शव बुधवार सुबह भीमताल झील में मिला। शव करीब चार से पांच दिन पुराना लग रहा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौत का क्या कारण रहा यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही साफ हो पाएगा। जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह नौ बजे स्थानीय निवासी भूपेंद्र कनौजिया अपने बोट स्टैंड पर पहुंचे तो उन्हें ताल में कुछ दूरी पर एक शव उतरता दिखाई दिया। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शव को झील से बाहर निकाला और भीमताल सीएचसी ले गए। शव की तलाशी लेने पर जेब से फोटो और पहचान संबंधी कुछ दस्तावेज मिले। जिसके आधार पर शव की पहचान हल्द्वानी के ऊंचापुल निवासी 55 वर्षीय हरीश चंद्र पांडे के रूप में हुई। वह तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रुद्रपुर डिवीजन में रेंजर पद पर तैनात थे और बीते 29 नवंबर से लापता चल रहे थे। परिजनों ने हल्द्वानी के मुखानी थाने में उनकी गुमशुद्गी दर्ज करवाई थी। भीमताल पुलिस की सूचना पर पहुंचे परिजनों की मौजूद्गी में शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। भीमताल थानाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि शव करीब पांच से छह दिन पुराना हो सकता है। हालांकि मौत कैसे हुई इसकी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सकेगी। फिलहाल सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है।
रेंजर के बेटे ने विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
हरीश चंद्र पांडे के छोटे बेटे हितार्थ पांडे ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब वन विभाग के अधिकारियों से उन्होंने पिता की गुमशुद्गी के विषय में बात करनी चाही तो किसी अधिकारी ने बात तक नहीं की। डीएफओ और एसडीओ उनकी मां से मिलने कमरे से बाहर तक नहीं आए। आरोप लगाया कि विभागीय लोगों से पता चला है कि उनके पिता पर अधिकारियों की ओर से दबाव डाला जा रहा था। इसलिए इस प्रकरण की पूरी जांच की जानी चाहिए।