उत्तराखंड

डीएम को पत्र सौंपकर की शांता नदी में जमा मलबा हटाने की मांग

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नई टिहरी। बीते वर्ष शांता नदी में आये सैलाब से जमा मलबा आने वाले बरसाती मौसम में फिर से तबाही ला सकता है। जिसको देखते हुये यहां के प्रभावितों ने डीएम टिहरी इवा श्रीवास्तव को भेंट के बाद पत्र सौंपकर तत्काल मलबे को हटाने की मांग की है। शांता नदी में एकत्र सैलाब के मलबे के मामले में शांता नदी आपदा प्रभावितों ने डीएम टिहरी इवा श्रीवास्तव से उनके कार्यालय में भेंट कर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में पिछले वर्ष 11 मई को शांता नदी में आए सैलाब से हुई तबाही के मद्देनजर यहां जमा भारी मलबे को तत्काल हटाने की मांग की। शांता नदी में आये सैलाब से प्रभावित दुकानदारों व यहां निवास करने वाले स्थानीय लोगों के अनुसार शांता नदी के सैलाब के साथ आया भारी मलबा आने वाले बरसाती मौसम में फिर से तबाही ला सकता है। शांता नदी के प्रवाह क्षेत्र में कई मीटर तक यह मलबा जमा है। भारी बरसात में इससे शांता नदी का पानी यहां स्थित मकानों व दुकानों में घुसकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। मलबा नहीं हटने से यहां तीर्थ क्षेत्र तक जाने के लिए क्षतिग्रस्त पुलिया का दोबारा निर्माण भी नहीं हो पाया है। जिसके चलते यहां आने वाले यात्रियों व पर्यटको को आवागमन की समस्या बनी हुई है। डीएम ने प्रभावितों को उनकी मांगों के अनुसार कार्य किए जाने का आश्वासन दिया है, साथ ही देवप्रयाग का इस मामले में दौरा किए जाने की भी बात कही। राज्य आंदोलनकारी व व्यवसायी हरिष्ण भट्ट की अगुवाई में ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र असवाल, रणजीत सिंह, गंभीर सिंह, सतपाल सिंह आदि शामिल रहे।

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