गांव और ग्राम्य संस्कृति को बचाने की मुहिम चाई ग्रामोत्सव कल से

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पलायन से जूझते पहाड़ में गांव और ग्राम्य संस्कृति को बचाने की मुहिम पर केंद्रीत तीन दिवसीय चाई ग्रामोत्सव मंगलवार से शुरू होगा। जिसमें ग्राम समाज व धर्मेंद्र रावत ग्रुप व संस्कृति विभाग की सांस्कृतिक प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र होगी। इस दौरान लोक गाथाओं का मंचन और गढ़वाल की संस्कृति व गीत संगीत पर विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
प्रखंड जयहरीखाल के ग्राम चाई में वर्ष 2010 से चाई ग्रामोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृति संरक्षण और रिवर्स पलायन की व्यापक मुहिम को लेकर आयोजित किए जा रहे इस ग्रामोत्सव के सोलहवें आयोजन को लेकर गांव में खास तैयारियां की गई हैं। गांव के सभी घरों की साफ-सफाई एवं पुताई कर उन्हें विशेष तरीके से सजाया गया है। गांव में तोरण द्वार लगाए गए हैं। आयोजन केंद्र नवदुर्गा मंदिर को भी सजाया गया है। आयोजन समिति के सदस्य डा. पदमेश बुडाकोटी ने बताया कि सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष ऋषि कंडवाल एवं रुद्रप्रयाग के नगर पालिका अध्यक्ष संतोष रावत तीन जून को महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इस दिन देव पूजन, कलश यात्रा व ग्राम दर्शन कार्यक्रम आयोजित होंगे। चार जून को आयोजित ग्राम विकास गोष्ठी में समाजसेवी प्रकाश चंद्र कोठारी मुख्य अतिथि तथा संस्कृतिकर्मी डा. सतीश कालेश्वरी विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। पांच जून को समापन समारोह में कोटद्वार के मेयर शैलेंद्र रावत मुख्य अतिथि एवं प्रसिद्ध भूविज्ञानी डा. महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट (गढ़वाल विश्वविद्यालय) विशिष्ट अतिथि होंगे। डा. बुडाकोटी ने बताया कि चाई ग्रामोत्सव में तीन जून को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में ग्राम समाज व धर्मेंद्र रावत ग्रुप की प्रस्तुति व चार जून को संस्कृति विभाग उत्तराखंड की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र होगें। इस दौरान लोक गाथाओं का मंचन और गढ़वाल की संस्कृति व गीत संगीत पर विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि देश-विदेश से प्रवासी व क्षेत्रवासी ग्रामोत्सव में शिरकत करने हेतु पहुंचने लगे हैं। बड़ी संख्या में बहन-बेटियां भी ससुराल से मायके पहुंच चुकी है, गांव में हर तरफ उल्लास का माहौल है।

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