सीडीएस जनरल बिपिन रावत बोले, कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं, भटके हुए युवाओं को समझाने की जरूरत

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नई दिल्ली ,एजेंसी। जनरल बिपिन रावत नेकहा कि सीमा पर अब तक संघर्ष विराम जारी है, जो एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन ड्रोन का उपयोग करके हथियारों और गोला-बारूद के जरिए घुसपैठ की जा रही है जो कि शांति के लिए शुभ संकेत नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि यदि आंतरिक शांति प्रक्रिया बाधित होती है, तो हम वास्तव में यह नहीं कह सकते कि युद्घविराम अब तक जारी है। युद्घविराम का मतलब यह नहीं है कि आप सीमाओं पर संघर्ष विराम करें और भीतरी इलाकों में घुसपैठ करें। उन्होंने कहा कि हम पूरे जम्मू-कश्मीर में शांति चाहते हैं।
रावत ने कहा कि मुझे पता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग खुद शांति स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे आतंकवाद और उग्रवाद देखे हैं। लोग अब शांति की वापसी की ओर देख रहे हैं, खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से उनकी उम्मीदें और बढ़ीहैं।उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो समय आएगा, जब लोग खुद हिंसा से दूर हो जाएंगे और घाटी में उग्रवाद नहीं होने देंगे, क्योंकि स्थानीय लोगों के समर्थन के बिना उग्रवाद और आतंकवाद जीवित नहीं रह सकते।
कुछ युवा जिन्हें गुमराह किया गया है, मुझे लगता है कि हमें उनकी पहचान करने और यह देखने की जरूरत है कि हम उनके साथ कितनी अच्छी तरह बातचीत कर सकते हैं और उन्हें समझा सकते हैं कि आतंकवाद आगे का रास्ता नहीं है, बल्कि शांतिआगे का रास्ता है।
उन्होंने कहा कि यदि तीनों सेनाएंएकीत होकर संयुक्तता और परिवर्तन की कोशिश करती हैं तब मुझे लगता है कि हम अपनी मौजूदा सेवाओं की बेहतर दक्षता और उपयोग को और भी बेहतर ढंग सेसुनिश्चित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम भविष्य में मुकाबले के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे।
रावत ने कहा कि थिएटर कमांड की गठन प्रक्रिया सही रास्ते पर चल रही है। हम तीनों सेवाओं के अधिकांश मुद्दों को हल करने में सक्षम हो गए हैं। जल्द ही कुछ अच्छा परिणाम मिलने वाला है।

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