चारधाम यात्रा मार्ग: सुनगर के पास भारी भूस्खलन से अवरुद्घ हुआ गंगोत्री हाईवे
उत्तरकाशी । शुक्रवार तड़के बारिश से सुनगर के पास भारी भूस्खलन होने से गंगोत्री हाईवे अवरुद्घ हो गया है। बीआरओ के जवान यहां मलबा एवं बोल्डर हटाकर यातायात बहाली के प्रयास में जुटे हैं। देर शाम तक हाईवे बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन कीसूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे बीआरओ के जवान मशीनों की मदद से मलबा हटाने में जुटे हैं, लेकिन पहाड़ी के ऊपरी हिस्से से रुक-रुक कर भारी बोल्डर गिरने से यहां यातायात बहाली के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। हाईवे अवरुद्घ होने से गंगोत्री धाम व भारत-चीन सीमा स्थित अग्रिम चौकियों के साथ ही उपला टकनौर क्षेत्र के हर्षिल, मुखबा, धराली, जसपुर, झाला, सुक्की, गंगनानी, हुर्री आदि गांव अलग-थलग पड़ गए हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सुनगर भूस्खलन वाले हिस्से में यातायात बहाली के लिए बीआरओ ने दो व्हील डोजर, एक कंप्रेशर, एक टिपर और बीस मजदूर काम पर लगाए हुए हैं। भारी बोल्डरों को हटाने और रुक-रुक कर भूस्खलन होने से काम करने में दिक्कत आ रही है। देर शाम तक इस हिस्से में मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही लायक सड़क तैयार होने की उम्मीद है।
खरादी कस्बे में यमुनोत्री हाईवे चौड़ीकरण के दौरान खतरे की जद में आए होटल के सुरक्षात्मक कार्य व मुआवजे पर सालभर बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई है।
बीते साल यमुनोत्री हाईवे चौड़ीकरण के दौरान खरादी कस्बे में मोहन पंवार का बहुमंजिला होटल भूस्खलन की जद में आया था, जिससे होटल को नुकसान पहुंचा। प्रभावित होटल स्वामी की शिकायत पर विभाग व कार्यदायी संस्था ने निरीक्षण किया, लेकिन सालभर बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहे।
मोहन पंवार का कहना है कि चौड़ीकरण से हुए भूस्खलन जोन पर नियमानुसार ट्रीटमेंट हो या होटल का मुआवजा दिया जाए। इधर, एनएच के एई धीरज गुप्ता ने कहा कि होटल के मुआवजे को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा निर्देश की मांग की है।