सीएम से की दीपक जोशी पर लगाये आरोपों को खारिज करने मांग की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड जनरल, ओबीसी इम्प्लाईज ऐसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी पर उत्तराखण्ड शासन, सचिवालय प्रशासन द्वारा एक सामान्य राज्य कर्मचारी (अनुभाग अधिकारी, सचिवालय) के रूप में सरकार की नीतियों पर प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से टिप्पणी किये जाने का आरोप लगाते हुए जांच हेतु आदेश जारी किये गये हैं। एसोसिएशन की पौड़ी शाखा ने जिलाधिकारी गढ़वाल के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर दीपक जोशी के विरूद्घ जांच किये जाने विषयक आदेश को तत्काल निरस्त करते हुए उन पर गठित आरोपों को खारिज करने की मांग की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि दीपक जोशी के विरूद्घ किसी भी प्रकार की कार्यवाही अमल में लायी जाती है तो सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन को बाध्य होगें। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
एसोसिएशन के मुख्य संयोजक सीताराम पोखरियाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि दीपक जोशी वर्तमान में राज्य के सबसे बड़े एवं महत्वपूर्ण कर्मचारी संगठन, उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी इम्पलाईज एसोसिएसन के प्रान्तीय अध्यक्ष तथा उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के भी अध्यक्ष है। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारियों के सम्बन्ध मेंं विगत कुछ महिनों में राज्य सरकार द्वारा लिये गये विपरीत निर्णयों मंहगाई भत्ता रोकना, बिना कार्मिकों की सहमति के प्रतिमाह वेतन कटौती जैसे बिन्दुआें पर दीपक जोशी ने जो बयान एवं सुझाव दिये है वे सभी संगठनों के प्रतिनिधि के रूप में संवैधानिक मर्यादाओं/दायित्वों के अन्तर्गत आती है। संगठन के अध्यक्ष के तौर पर उनकी जिम्मेदारी भी है कि वे कार्मिक हित में सरकार व शासन से कार्मिक हित/अहित में लिये जा रहे निर्णयों के सम्बन्ध में टिप्पणी करें। प्रदेश के लगभग सभी मान्यता प्राप्त संगठन कार्मिकों के विपरीत होने वाले निर्णयों में सरकार के विरूद्घ टीका-टिप्पणी करते है जो संवैधानिक भी है। उन्होंने कहा कि दीपक जोशी को ही अनुभाग अधिकारी के रूप में आरोप पत्र देकर चिन्हित किया जाना किसी सोची समझी साजिश का हिस्सा है। ज्ञापन देने वालों में जयदीप रावत उपाध्यक्ष, संजय नेगी जनपदीय महासचिव, सीताराम पोखरियाल मुख्य संयोजक, नरेन्द्र सिंह बिष्ट, रेवती डंगवाल, राजपाल सिंह बिष्ट, कुलदीप रावत, कुलदीप राणा, नरेन्द्र नेगी, रघुनाथ चौहान, प्रदीप नेगी, रमेश प्रसाद गोदियाल, विनीत आदि शामिल थे।