उत्तराखंड

मंडियों में धान न खरीदने वाले कच्चा आढ़तियों के कोड होंगे निरस्त

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रुद्रपुर। कच्चा आढ़तियों के क्रय केंद्रों में धान नहीं खरीदने और जिलाधिकारी के पराली जलाने को लेकर दिए गए आदेश से किसानों में आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर किसानों ने बैठक में शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। किसानों ने शुक्रवार से मंडियों में धान की खरीद नहीं होने से शनिवार से मंडियों को बंद कराने की चेतावनी दी है। वहीं किसानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए किसान आयोग के उपाध्यक्ष, आरएफसी, एडीएम भी मौजूद रहे। आरएफसी बीएस चलाल ने कहा कि शुक्रवार से मंडियों में धान खरीद नहीं करने वाले कच्चा आढ़तियों के कोड निरस्त किए जाएंगे। गुरुवार को गल्ला मंडी में आयोजित बैठक में तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि एक अक्तूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन क्रय केंद्र में नमी के चलते धान नहीं तौला जा रहा है और मंडियों में कच्चा आढ़ती धान नहीं खरीद रहे हैं। किसानों को मजबूर होकर 1300 से 1400 रुपये प्रति कुंतल धान बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने राइस मिलर, कच्चा आढ़तियों और आरएफसी के अधिकारियों पर मिलीभगत से किसानों को लूटने का आरोप लगाया। सीमा से लगे हुए यूपी के किसानों का धान नहीं खरीदने पर भी किसानों ने आक्रोश जताया। उन्होंने शुक्रवार से मंडियों में कच्चा आढ़तियों के धान नहीं खरीदने पर मंडियों को बंद कराने की चेतावनी दी है। संगठन के कोर समिति के सदस्य ठाकुर जगदीश सिंह ने कहा कि उत्तराखंड राइस मिलरों ने पहले धान खरीदने की बात कही और अब हड़ताल पर चले गए। उन्होंने कहा कि जब राइस मिलर हड़ताल पर हैं तो उन्हें मिलों में धान खरीदने का अधिकार नहीं है। मिलों में ताले लगने चाहिए। बैठक को कई अन्य किसानों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर विक्रम जीत सिंह विर्क, राजपाल सिंह, अमन ढिल्लो, गुरजीत सिंह चीमा, जसवीर सिंह, हीरा सिंह, अमृत पाल सिंह समेत कई किसान मौजूद रहे।

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