कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार में दो धड़ों में बंटी दिखी कांग्रेस, एक मुद्दे को लेकर अलग-अलग फूंका पुतला

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नगर में जिला व महानगर कार्यकारिणी ने अलग-अलग स्थानों पर किया पुतला दहन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : आगामी लोकसभा चुनाव में जीत का दावा करने वाली कांग्रेस कोटद्वार शहर में दो धड़ों में बंटती हुई नजर आ रही है। हालत यह है कि शुक्रवार को एक ही मुद्दे को लेकर महानगर व जिला कार्यकारिणी ने अलग-अलग स्थानों पर पुतला दहन किया। पूरे मामले को पार्टी की अंदरूनी कलह के नजरिए से देखा जा रहा है।
शुक्रवार को तहसील तिराहे के समीप जिलाध्यक्ष विनोद डबराल व महिला जिलाध्यक्ष रश्मि पटवाल के नेतृत्व में बदहाल कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों को लेकर सरकार का पुतला दहन किया गया। वहीं, इसी मुद्दे को लेकर महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल के नेतृत्व में भी नगर में पुतला दहन किया गया। जिलाध्यक्ष विनोद डबराल व रश्मि पटवाल के साथ पुतला दहन में महिला महानगर अध्यक्ष सुधा असवाल, ब्लॉक अध्यक्ष सुनीता बिष्ट, पार्षद विपिन डोबरियाल, अमित राज, प्रवेश रावत सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। वहीं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष कोटद्वार संजय मित्तल के साथ पुतला फूंकने वालों में यूथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय रावत, धीरेंद्र सिंह बिष्ट, मोहन सिंह नेगी, महावीर सिंह रावत, विजय माहेश्वरी, सुधा असवाल, प्रीति देवी, सुदर्शन रावत, विजय नारायण, जनक भाटिया, सुनील दत्त सेमवाल, राजेंद्र सिंह असवाल, जितेंद्र, आशुतोष वर्मा, दमन दीप, अंकुश घिल्डियाल, तनिष्क, इंद्रीश, सुरेंद्र सिंह, रजनीश उप्पल आदि शामिल थे। एक समय में एक ही मुद्दे को लेकर दो अलग-अलग स्थानों पर हुए पुतला दहन ने कांग्रेस के बीच चल रही अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है। जबकि, कुछ दिन पूर्व कोटद्वार पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष ने सभी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर संगठन की मजबूती के लिए आगे आने की अपील की थी। लेकिन, शायद पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष के आदेश को ही भूल गए। जिलाध्यक्ष विनोद डबराल ने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व के आह्रान पर उनके द्वारा सरकार का पुतला दहन किया गया है। जबकि, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल ने बताया कि पार्टी में जिला व महानगर कार्यकारिणी एक समान है। महानगर के पास भी पुतला दहन का संदेश पहुंचा था।


पूर्व में भी दिख चुका है मनमुटाव
कांग्रेस की जिला व महानगर कार्यकारिणी के बीच चल रहा मनमुटाव पूर्व में भी नजर आ चुका है। कई कार्यक्रमों को अलग-अलग किया जाता है। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के जश्न के समय भी दोनों कार्यकारिणी के सदस्यों ने अलग-अलग होकर खुशी जाहिर की थी। वहीं, पदाधिकारियों के बीच चल रहे मनमुटाव से कई कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कार्यकर्ता स्वयं नहीं समझ पा रहे की आखिर पार्टी में यह चल क्या रहा है।

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