उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से लौटे दो लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट..

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देहरादून। कोरोना संक्रमण एक बार फिर उत्तराखंड की दहलीज पर दस्तक दे रहा है। हाल ही में एम्स ऋषिकेश की एक डॉक्टर और एक अन्य महिला, जो धार्मिक प्रवचन में भाग लेने के लिए ऋषिकेश आई थीं, कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। दोनों महिलाएं अलग-अलग राज्यों से उत्तराखंड आई थीं – एक बेंगलुरु से और दूसरी गुजरात से।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बेंगलुरु से लौटीं एम्स ऋषिकेश की डॉक्टर में कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए थे। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने स्वयं को होम आइसोलेशन में रख लिया है और फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टर घर पर ही इलाज ले रही हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
वहीं, गुजरात से ऋषिकेश आई दूसरी महिला की स्थिति थोड़ी चिंताजनक है। महिला कई अन्य बीमारियों से पहले से ही पीड़ित थीं। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
चिकित्सकों की टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
स्वास्थ्य महानिदेशक सुनीता टम्टा ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में अभी तक कोरोना का कोई स्थानीय संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है। ये दोनों मामले बाहरी राज्यों से आए यात्रियों के हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही स्थिति नियंत्रण में हो, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने और ऑक्सीजन प्लांट सहित सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की तैयारियों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, भीड़भाड़ से बचने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह भी आम जनता को दी गई है। हालांकि अभी केंद्र सरकार की ओर से कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है लेकिन टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश राज्य सरकार ने जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अधिकारियों और अस्पताल प्रशासन से कहा है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें।
प्रदेश में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में संक्रमण की स्थिति पर नजर रखना जरूरी होगा, खासकर जब देश के अन्य राज्यों में फिर से मामूली बढ़ोतरी देखी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग आम नागरिकों से अपील कर रहा है कि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं और खुद को आइसोलेट करें, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

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