कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला केक काटना अपराध नहीं
चेन्नई, एजेंसी। मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को एक बेहद अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला एक बड़ा केक काटना और फिर उसे खाने को दंडनीय अपराध नहीं माना जा सकता है। बता दें कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत राष्ट्रीय ध्वज का अपमान दंडनीय अपराध माना गया है।
बहरहाल, मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को व्यवस्था दी कि राष्ट्रीय ध्वज का चित्रण करने वाला एक बड़ा केक काटना और उसे खाने को संबंधित अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध नहीं माना जा सकता।
न्यायमूर्ति एन आनंद और न्यायमूर्ति वेंकटेश ने यह व्यवस्था कोयंबटूर में एक पुलिसकर्मी से एक आपराधिक मूल याचिका स्वीकार करते हुए दी और कहा कि ऐसे त्य को राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।
25 दिसंबर, 2013 को कोयंबटूर में क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में छह फीट लंबा और पांच फीट चौड़ा एक केक कथित तौर पर काटा गया था, जिस पर लगी आइसिंग से भारतीय मानचित्र और तिरंगा झंडा बनाया गया था, जिसके बीच में अशोक चक्र बना था।
इसे विशेष मेहमानों और 1000 बच्चों सहित लगभग 2,500 प्रतिभागियों के बीच वितरित किया गया था, उसे खाया गया था। तब कोयम्बटूर जिला कलेक्टर और एक डीसीपी भी उस समारोह में शामिल हुए थे।