शरदीय नवरात्रों पर माता से की खुशहाली की कामना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शरदीय नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने माता से देश व अपने परिवार के लिए खुशहाली की कामना की।
शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन श्रद्धालु सुबह से माता की पूजा अर्चना में जुटे हुए थे। क्षेत्रवासी सतोषी देवी, रचना नेगी ने बताया कि मान्यता है कि स्कंदमाता भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में पूजा जाता है। कहा कि स्कंदमाता का स्वरुप मन को मोह लेने वाला होता है। इनकी चार भुजाएं होती हैं, जिससे वो दो हाथों में कमल का फूल थामे दिखती हैं। एक हाथ में स्कंदजी बालरूप में बैठे होते हैं और दूसरे से माता तीर को संभाले दिखती हैं। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना देवी के नाम मान से भी जाना जाता है, सिंह इनका वाहन है। शेर पर सवार होकर माता दुर्गा अपने पांचवें स्वरुप स्कन्दमाता के रुप में भक्तजनों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहती हैं।