सावधान: खाते से रकम उड़ाने के नए-नए तरीके अपना रहे साइबर अपराधी
शहर में आए दिन बढ़ रहे साइबर अपराध की घटनाओं ने बढ़ाई पुलिस की चिंता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : डिजिटल तकनीक में विस्तार के साथ ही साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हर रोज साइबर ठगों के रुपये उड़ाने के नए तरीकों से साइबर पुलिस भी हैरान है। अब तक साइबर ठग बैंक अधिकारी बन खाता नंबर व एटीएम कार्ड का पिन कोड़ पूछकर आनलाइन ठगी करते थे। लेकिन, अब मोबाइल पर लिंक भेजने के साथ ही आनलाइन सामान की खरीद पर लालच देकर खाते में जमा रकम को ठगा जा रहा है।
पिछले एक वर्ष में कोटद्वार की साइबर पुलिस पचास से अधिक साइबर ठगी के मामले दर्ज कर चुकी है। यही नहीं, यह आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जबकि, पुलिस भी समय-समय पर आमजन को साइबर अपराधों के प्रति जागरूकर करती रहती है। आंकड़े बताते है कि साइबर ठगी के शिकार होने वालों में सबसे अधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति ही हैं।
ऐसे फंसा रहे जाल में
साइबर ठग गिरोह व्यक्तियों के खाते को साफ करने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। ठग किसी प्रभावशाली व्यक्ति की फेसबुक प्रोफाइल से फोटो लोड कर उस व्यक्ति के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके परिचितों को रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद बातों-बातों में मदद के नाम पर अपने बैंक खातों में रकम जमा करा लेते हैं। क्षेत्र के करीब 50 से अधिक व्यक्तियों से इस तर्ज पर ठगी हो चुकी है। यही नहीं, वाट्सएप के माध्यम से वीडियो काल कर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर आमजन को ठगा जा रहा है। आपने ओएलएक्स जैसी वेबसाइट पर सामान बेचने का विज्ञापन दिया है तो साइबर ठग उसे खरीदने के नाम पर ई-मेल व्हाट्सएप, एसएमएस के जरिए आप को एक लिंक भेज देगे। लिंक पर आपके पासवार्ड डालते ही खाते से रकम निकल जाती है।
ठगी होने पर यह उठाए कदम
-सबसे पहले अपने बैंक खाते, एटीएम या डेबिट कार्ड को बंद करा दें और पुलिस से शिकायत करें
-आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार, धोखाधड़ी की शिकायत तीन दिन में बैंक को करें
-बैंक में एफआईआर की कापी लेकर जाएं। इसके आधार पर बैंक धोखाधड़ी की जांच करेगा।
सावधानी ही बचाव है
-कभी भी फोन पर किसी को अपनी बैंक डिटेल न दें
– किसी भी लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें
-गैर विश्वसनीय वेबसाइटों पर अपनी निजी जानकारी न डाले
-किसी से अपना बैंकिंग या डेबिट कार्ड पासवर्ड और ओटीपी साझा न करें
डेढ़ वर्ष में लौटाए 60 लाख
लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों को लेकर साइबर पुलिस भी गंभीरता से कार्य कर रही है। पिछले डेढ़ वर्षों में पुलिस साइबर ठगी के शिकार हुए व्यक्तियों को 60 लाख रुपये से अधिक की धनराशि वापस भी दिलवा चुकी है। लेकिन, आज तक पुलिस के हाथ साइबर ठगी करने वालों तक नहीं पहुंच पाए हैं। मंगलवार को भी पुलिस ने दिसंबर माह में आनलाइन टेंट बुक करवाने के नाम पर मोटाढांक निवासी अभिषेक के खाते से ठगी गई 54 हजार 892 में से 46 हजार रुपये वापस दिलवाए। वहीं, जनवरी माह में मनोहर नगर निवासी हषिल भंडारी के खाते से ठगी गई 11 हजार व छह जनवरी को दीपक ध्यानी के खाते से ठगी गई दस हजार रुपये की रकम को वापस दिलवाया।