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भारी विरोध के बाद हुआ दलित बहनों का अंतिम संस्कार

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लखनऊ, एजेंसी। लखीमपुर खीरी के निघासन में दो सगी बहनों के साथ बुधवार को हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में गुरुवार देर शाम दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिलाधिकारी ने परिजन को उनकी तीन मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है। गुरुवार सुबह मामला मीडिया में आने के बाद इस पर दिनभर राजनीति चलती रही। पुलिस ने इस मामले के सभी छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दोनों बहनों संग पहले सामूहिक दुष्कर्म किया गया, इसके बाद उनकी रस्सी से गला दबाकर हत्या की गई। फिर शवों को पेड़ से लटका दिया गया।
लखीमपुर खीरी के निघासन में दो बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्या के मामले का एससी/एसटी आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, डीजीपी, जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी तथा एसपी लखीमपुर से रिपोर्ट मांगी है।
दुष्कर्म के बाद सगी बहनों की हत्घ्या के मामले में दघ्निभर चली उठापठक के बाद देर शाम भारी सुरक्षा बल के बीच शवों का अंतघ्मि संस्घ्कार कर दघ्यिा गया। पोस्टमार्टम के बाद उस वक्त एक बार फिर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए जब परिवार जनों ने दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, बेटियों के शव यूं ही रहेंगे। हालांकि बाद में प्रशासन के मनाने पर परिजन मान गए और उन्होंने स्वेच्छा से अंतिम संस्कार की अनुमति दे दी।
पुलिस के मुताबिक, ये वारदात बुधवार शाम 5 बजे के करीब की है। वारदात करने के बाद सभी आरोपी मौका-ए-वारदात से फरार हो गए। सूचना मिलते ही विशेष टीमें घटित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। लगातार चली 15 घंटे की कार्रवाई में पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान जुनैद, सोहैल, आरिफ, हफीज, करीमुद्दीन व छोटू के रूप में हुई है। इनमें से एक आरोपित जुनैद को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी है।
लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष की सभी दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग है। पीड़िता के पिता ने कहा कि इस मामले में हमें जल्दी इंसाफ चाहिए। इंसाफ होना चाहिए। पिता ने रूंधे गले से अपना दर्द भरा पक्ष रखा है। मृतका के पिता ने कहा है कि मैं चाहता हूं कि इंसाफ होना चाहिए। उनको (आरोपियों को) फांसी होनी चाहिए।
जिन दो सगी बहनों के शव संदिग्ध हालात में खैर के पेड़ से लटकते मिले थे, उनकी रस्सी से गला कस कर हत्या की गई थी। उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। इसकी पुष्टि गुरुवार को उनके शवों के पोस्टमार्टम के बाद हुई है। जिला मुख्यालय पर डा़ राजेंद्र, डा़ ओवैस अहमद और डा़ अर्चना के पैनल ने दोनों शवों के पोस्टमार्टम किए। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई।

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