रक्तदान मुहिम की अलख जगा रहे हैं दलजीत सिंह
कोटद्वार : रक्तदान को लेकर भ्रांतियां ज्यादा हैं, जबकि ऐसा है नहीं। रक्तदान करने से किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। खून एक ऐसी चीज जो हमारी रगों में दौड़कर हमारी जिंदगी तो बचाता ही है, साथ ही जरूत पड़ने पर दूसरों को भी जीवन दान देता है। हालांकि खून के अभाव में कई लोग जान भी गंवा देते हैं। एक ओर बहुत लोग रक्तदान करने से बचते है तो दूसरी ओर क्षेत्र में कुछ ऐसी भी रक्तदाता है तो रक्तदान कर जीवनदान दे रहे हैं। कुछ लोग इस क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे है।
गैरेज रोड़ कोटद्वार के समाजसेवी एवं व्यवसायी दलजीत सिंह खून की कमी से दूसरों की जान बचाने के लिए जागरूकता की मुहिम की अलख जगाए हुए है। वह रक्तदान को लेकर लोगों को जागरूक करने व रक्तदान कराने में प्रमुख भूमिका निभा रहे है। वह हर समय जरूरत मंदों की मदद के लिए तैयार रहते है। उनका कहना है कि रक्तदान के जरिए ही हम तमाम असहाय लोगों की वह मदद कर सकते हैं, जो बड़ी रकम देकर भी नहीं की जा सकती है। खतरे में पड़े लोगों का जीवन बचाने की मुहिम में जुटी एक ऐसी ही शख्सियत हैं दलजीत सिंह। दलजीत सिंह अपने साथ एक हजाार से अधिक रक्तदानियों की फौज लेकर खून की कमी के चलते दम तोड़ रही जिंदगियों को बचाने में जुटे हैं। खुद भी वह कई बार रक्तदान कर चुके हैं। शायद ही कोटद्वार भाबर क्षेत्र में कोई ऐसा होगा जो दलजीत सिंह को नहीं जानता होगा। वह क्षेत्र में जरूरत मंद लोगों को खून उपलब्ध करवाने में मुख्य भूमिका निभाते है। वह समय-समय पर राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार, जौलीग्रांट, एम्स ऋषिकेश, मंहत इंद्रेश अस्पताल देहरादून सहित अन्य अस्पतालों के सहयोग से क्षेत्र में रक्तदान शिविर लगवाकर लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करते है। रक्तदान शिविरों में रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया जाता है। समाजसेवी दलजीत सिंह ने कहा कि रक्तदाताओं को सिर्फ इसीलिए सम्मानित किया जाता है कि, जिससे दूसरों को भी इससे प्रेरणा मिले। रक्तदान के लिए सबसे ज्यादा जागरूकता युवाओं के बीच जरूरी है। युवा आगे आएगा तो और लोग भी प्रेरित होंगे। कोशिश यह है कि किसी एक दिन ही ज्यादा रक्तदान की बजाय समय पर रक्तदान हो, जिससे जरूरतमंदों को मदद मिलती रहे। दलजीत सिंह वर्ष 2006 से पूरी लगन से रक्तदान मुहिम चलाने में जुट गए। वह खुद तो 48 बार रक्तदान कर ही चुके हैं, साथ ही उत्तर भारत में सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न ग्रुपों से जुड़कर जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध करवाते रहते है। दलजीत सिंह का कहना है कि रक्तदान से कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि आंतरिक रूप से अपार खुशी महसूस होती है, जो शरीर को बल प्रदान करती है। वह अपने रक्त का आखिरी कतरा भी किसी की जान बचाने के लिए देने को तैयार रहते हैं। एक हजार रक्तदाताओं को साथ लेकर चलना आसान काम नहीं है। लेकिन दलजीत सिंह सबके साथ सोशल मीडिया ग्रुप के जरिये जुड़े रहते हैं, आपातकाल स्थिति में उनकी टीम के सदस्य रक्तदान के लिए हर समय तैयार रहते है।