कोटद्वार-पौड़ी

डांडा नागराजा के दर्शन कर लौटा यात्री दल

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तरांचल परिवहन कर्मचारी संघ, जीएमओयूलि कोटद्वार के कर्मचारियों का दल डांडा नागराजा के दर्शन कर सकुशल वापस लौट आया है।
उत्तरांचल परिवहन कर्मचारी संघ जीएमओयूलि के अध्यक्ष गोपाल सिंह रावत ने कहा कि डांडा नागराजा का मंदिर पौड़ी शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर अदवानी-बगानीखाल मार्ग पर पड़ता है। गढ़वाल क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण के अवतारों में से एक नागराजा देव शक्ति की सबसे अधिक मान्यता है। यहां की मान्यता के अनुसार 140 साल पहले लसेरा में गुमाल जाति के पास एक दुधाय गाय थी जो डांडा में स्थित एक पत्थर को हर रोज अपने से नहलाती थी, जिसकी वजह से घर के लोगों को उसका दूध नहीं मिल पाता था, इसलिए घर के मालिक ने गुस्से में आकर गाय पर कुल्हाड़ी से वार किया। कुल्हाड़ी का गाय को कुछ नहीं और सीधा पत्थर पर लगा। जिसकी वजह से पत्थर दो भागों में टूट गया और उसका एक भाग आज भी डांडा नागराज में मौजूद है। यहां हर साल अप्रैल माह में बैसाखी के अगले दिन भव्य मेला लगता है। यात्री दल में गोपाल सिंह रावत, सुभाष चंद्र बलूनी, दिनेश चंद्र जदली, अशोक कुमार, जगदीश सिंह, पंडित पंकज शास्त्री आदि शामिल थे।

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