कोटद्वार-पौड़ी

सड़क से नहीं जुड़ सका दशमरी गांव, डंडी कंडी के भरोसे बीमार व बुजुर्ग

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मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल है गांव के लिए स्वीकृत 4 किमी. सड़क का निर्माण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : द्वारीखाल ब्लाक के अंतर्गत दशमरी गांव में आजादी के सात दशक बाद भी सड़क नहीं पहुंच सकी है। ग्रामीण दो किमी. की खड़ी चढ़ाई चढ़कर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं। सड़क के अभाव में बुजुर्ग व बीमार लोगों को आज भी डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल लाना ले जाना ग्रामीणों की मजबूरी बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल गांव के लिए चार किमी. सड़क का प्रस्ताव दो साल से शासन में धूल फांक रहा है।
ग्राम दशमरी की प्रधान सुजाता देवी, ग्रामीण अनिल सिंह, राजेंद्र सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह, शूर सिंह, पूर्व प्रधान अर्जुन सिंह ने बताया कि ग्रामीण लंबे समय से गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग करते आ रहे हैं। ग्रामीणों की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने 14 दिसंबर, 2020 को चैलूसैंण-देवीखेत मोटर मार्ग से दशमरी गांव तक 4 किमी. सड़क निर्माण की घोषणा की थी। लोनिवि की ओर से सड़क निर्माण के लिए 119.70 लाख का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया। शासन ने मार्च, 2021 में सड़क निर्माण के प्रथम चरण की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी थी, लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। सड़क के अभाव में ग्रामीण दो किमी. की खड़ी चढ़ाई चढ़कर बिसकोटी तोक स्थित मुख्य सड़क तक पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों, प्रसव वाली महिलाओं और बच्चों को हो रही है। बीमार लोगों को डंडी-कंडी के सहारे मुख्य सड़क तक पहुंचाया जा रहा है। गांव में वर्तमान में 80 परिवारों की 400 आबादी निवास करते हैं। ग्रामीणों ने लोनिवि लैंसडौन के अधिकारियों से मार्ग निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है।

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