इंदिरा प्वाइंट पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिन्द-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति का दिया संदेश
नई दिल्ली, एजेंसी। अरुणाचल प्रदेश जाकर पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को देश की सबसे दक्षिणी समुद्री सीमा इंदिरा पइंट पहुंचकर सीमाओं की सुरक्षा की समीक्षा की। अपनी अंडमान निकोबार यात्रा के दूसरे और आखिरी दिन रक्षामंत्री ने इस दौरान रक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा के साथ ही वहां तैनात सैनिकों को क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा में सजग रहने के लिए प्रोत्साहित भी किया। रक्षामंत्री ने इस दौरान यहां स्थापित देश के इकलौते संयुक्त सैन्य कमान का दौरा कर वरिष्ठ सैन्य अफसरों के साथ बैठक की और इस क्रम में संयुक्त कमान के कार्य संचालन की भी समीक्षा की।
रक्षा मंत्री की यहां की संयुक्त कमान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक इस लिहाज से भी मायने रखती है कि तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय के लिए संयुक्त थियेटर कमान बनाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सैन्य संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल से लेकर सामरिक रणनीति के बेहतर समायोजन के लिए संयुक्त थियेटर कमान बनाने पर रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं में गहन विचार-मंथन की प्रक्रिया चल रही है।
रक्षा मंत्री के जनवरी 2019 यानी चार साल बाद देश के सबसे अंतिम समुद्री छोर इंदिरा प्वाइंट जाने के भी अपने रणनीतिक मायने हैं। हिन्द-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र के इन सुदूर द्वीपों की निकटता के मद्देनजर रणनीतिक संकेत देने के अलावा रक्षा मंत्री की अंडमान-निकोबार कमान की यात्रा यहां तैनात सैनिकों के उत्साह के लिहाज से भी अहम है।
इंदिरा प्वाइंट ग्रेट चौनल के साथ स्थित है, जिसे लोकप्रिय रूप से श्सिक्स डिग्री चौनलश् के रूप में जाना जाता है। यह समुद्र में अंतरराष्ट्रीय यातायात के लिए एक प्रमुख पोत परिवहन मार्ग है। इस क्षेत्र में भारत के तीनों सेनाओं के संयुक्त सशस्त्र बलों की मजबूत उपस्थिति इस समुद्री क्षेत्र में भारत को एक प्रमुख सुरक्षा प्रदाता राष्ट्र बनाती है। भारत अपनी इस जिम्मेदारी का बेहतर निर्वहन भी करता है।
रक्षामंत्री ने यहां की स्थिति की समीक्षा के बाद कार निकोबार द्वीप और र्केपबेल खाड़ी में रुके, जहां उन्हें जमीनी सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी गई। इसके अलावा उन्होंने अंडमान और निकोबार कमान की संयुक्त सेवा के जवानों के साथ भी बातचीत की और उनकी अद्वितीय बहादुरी और प्रतिबद्घता के साथ देश की सेवा करने के लिए सराहना की। इस दौरान अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ (सीआईएनसीएएन) लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह उनके साथ थे।
राजनाथ ने इस दौरान नौसेना के जहाज आईएनएस बाज का दौरा करते हुए सैनिकों से बातचीत की। वहीं, संयुक्त कमान के मुख्यालय के दौरे के दौरान उन्होंने कमान की परिचालन संबंधी तैयारियों और क्षेत्र में बुनियादी ढ़ांचे के विकास की समीक्षा की।