संपादकीय

दिल्ली के हालात खतरे का संकेत

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

दिल्ली में कोरोना एक बार फिर अपना असर दिखाने लगी है जिसके बाद राज्य सरकार ने जा तमाम सख्त कदम उठाए हैं तो वहीं दिल्ली के एक बड़े क्षेत्र में लॉकडाउन लगाने की भी घोषणा कर दी गई है। दिल्ली सरकार ने एक दिन पूर्व भी लोगों द्वारा मास्क ना लगाने को लेकर बरती जा रही लापरवाही को भी बेहद गंभीरता से लेते हुए जुर्माने की राशि 500 से बढ़ाकर 2000 कर दी है। दिल्ली में कोरोना उत्तराखंड के लिए भी खतरे की घंटी है क्योंकि अनलॉक 5 की स्थिति में दिल्ली से उत्तराखंड के लिए अब बिना किसी रुकावट या जांच के आवागमन हो रहा है। साथ ही रोडवेज एवं रेल सेवाएं भी शुरू हो चुकी है। यूं भी उत्तराखंड में कोरोना अभी अपनी गति में ही है और यहां मामले सत्तर हजार के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं। दिल्ली जैसी स्थिति से बचने के लिए उत्तराखंड सरकार को अभी से कड़े कदम उठाने होंगे अन्यथा उत्तराखंड के वर्तमान हालात स्वयं ही बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली में कोरोना के बढ़ते प्रभाव से उत्तराखंड प्रदेश भी बच नहीं पाएगा। जिस प्रकार से राज्य सरकार ने लॉकडाउन एवं इसके बाद लगे अनलॉक की प्रारंभिक अवस्था के दौरान अधिक गंभीरता नहीं दिखाई, उसी का परिणाम है कि आज उत्तराखंड में यह आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। ना केवल दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी कोरोना वायरस एक बार फिर से उफान भर रहा है। कहीं ना कहीं इस सबके पीछे राज्य सरकारों की लापरवाही एवं लोगों द्वारा कोरोना के लिए प्रयोग की जाने वाली सावधानियां एवं उपायों को भी नजरअंदाज किया गया। अब समय आ गया है कि पूरा देश इस प्रकार की लापरवाही को अपनी आम दिनचर्या से दूर करें। लापरवाही या बेहद भारी पड़ सकती है और दिल्ली के हालात यह समझने के लिए काफी है कि अब यदि नहीं समझे तो फिर ऐसे हालातों से निपटना भी मुश्किल हो जाएगा। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का अपना एक दायरा है जिसके बाद व्यवस्थाएं भी कहीं ना कहीं अनुकूल साबित नहीं होती। सार्वजनिक जीवन में जिस प्रकार की व्यवस्था है नजर आ रही है वह खतरे का संकेत है और इस खतरे से बचने का एकमात्र उपाय हमारी अपनी जागरूकता एवं को रो रहा के प्रति बरती जाने वाली हर वह सावधानी है जो पिछले 10 महीने से हमें पढ़ाई वह समझाई जा रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!