पंचेश्वर बांध परियोजना को मंजूरी देने की मांग
काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने की विदेश मंत्री से मुलाकात
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बहुउदेशीय पंचेश्वर बांध परियोजना की मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लागने की मांग की। कहा कि भारत-नेपाल के बीच ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शुक्रवार को सतपाल महाराज ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से दिल्ली में मुलाकात की। उन्होने बहुउद्देशीय पंचेश्वर बांध परियोजना की मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध करते हुए संबंधित मंत्रालय को इसके लिए निर्देशित करने की बात कही। उन्हें बताया कि भारत और नेपाल के बीच महाकाली नदी पर 5040 मेगावाट की पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना प्रस्तावित है जिसकी लागत 50 हजार करोड़ के लगभग है। इस परियोजना में पंचेश्वर बांध के डाउनस्ट्रीम में 300 मीटर ऊंचे पंचेश्वर बांध और 95 मीटर ऊंचे रूपालीगढ़ बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है। मुख्य बांध पर 80 किमी लंबा जलाशय बनेगा। यह परियोजना दोनों देशों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। महाराज ने बातचीत के दौरान विदेश मंत्री से कहा कि जल्दी से जल्दी इस योजना को प्रारंभ करना चाहिए। उन्होने बताया कि पंचेश्वर बांध निर्माण के बाद जहां इसके जलाशय से नेपाल में 1,70,000 हेक्टेयर भूमि और भारत में 2,59,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी वहीं इस परियोजना से नेपाल और उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में जबरदस्त समृद्धि आयेगी। उन्होने कहा कि पंचेश्वर बांध परियोजना से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को भी मजबूत मिलेगी। सतपाल महाराज ने कहा कि 2024 से पहले पंचेश्वर बांध परियोजना का एमओयू साइन हो जाए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचेश्वर बांध निर्माण से नेपाल को बड़ा लाभ मिलेगा। जिस प्रकार से भूटान भारत को बिजली बेच रहा है उसी प्रकार भविष्य में नेपाल भी बिजली बेचकर लाभ उठा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पंचेश्वर बांध में अनेक पर्यटन गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं, यह पर्यटन का वल्र्ड डेस्टिनेशन बनेगा। इसके निर्माण से दोनों देशों के बीच रोटी बेटी के संबंध और प्रगाढ़ होने के साथ-साथ युवा बेरोजगारों को भी रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे।