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त्रिपुरा में आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास को 500 करोड़ के केंद्रीय पैकेज की मांग

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अगरतला, एजेंसी। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के संगठन त्रिपुरा यूनाइटेड इंडिजिनस पीपुल्स काउंसिल (टीयूआईपीसी) ने आमधारा में वापस लौटने वालों के पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपए के विशेष केंद्रीय पैकेज की मांग की। उग्रवादी संगठन ने दावा किया कि सरकार आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को लेकर अपना वादा निभाने में विफल रही है। टिपरा मोथा के विधायक और पूर्व उग्रवादी नेता रंजीत देबबर्मा ने कहा कि त्रिपुरा नेशनल वालंटियर्स (टीएनवी), नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) जैसे विभिन्न सशस्त्र विद्रोही संगठनों के उग्रवादियों ने अपने पुनर्वास के लिए लड़ने के लिए टीयूआईपीसी का गठन कर आत्मसमर्पण कर दिया।
टीयूआईपीसी नेताओं ने पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय के पूर्वोत्तर के सलाहकार ए के मिश्रा से मुलाकात की और 1993 में त्रिपुरा, केंद्र सरकार तथा एटीटीएफ के बीच हस्ताक्षरित समझौते में किए गए वादे के अनुसार वापसी की मांग उठाई। श्री देबबर्मा ने कहा,”जब हमने आत्मसमर्पण किया, तो सरकार ने घर निर्माण के लिए 20,000 रुपये मंजूर किए। हालांकि, उनमें से कई को पूरा भुगतान नहीं मिला जिससे घर बनाने में कठिनाई हुई। टीएनवी समझौते के तहत, रेडियो स्टेशन के निर्माण और रोजगार सृजन सहित तीन मांगें अभी भी अधूरी हैं।”
उन्होंने कहा कि वापस लौटने वालों के पुनर्वास के लिए एक आदर्श गांव की स्थापना का अनुरोध किया गया और वाहन उपलब्ध कराने सहित रोजगार सृजन की पहल शुरू करने का आग्रह किया गया। इसके अलावा, उन्होंने 50 और उससे अधिक उम्र के पूर्व उग्रवादियों के लिए सामाजिक पेंशन के रूप में 10,000 रुपये की मांग की, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं लागू किया गया है। उन्होंने कहा,”हमने 500 करोड़ रुपये का एक व्यापक पैकेज प्रस्तावित किया है।”

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