उत्तराखंड

एनएच की मनमानी की उच्च स्तरीय जांच की मांग

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ हाईवे पर चौड़ीकरण में एनएच पर मनमानी का आरोप लगाते हुए किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों का शेरसी और मैखंडा में 35वें दिन भी आंदोलन जारी है। आक्रोशित लोगों का कहना है कि जब तक ग्रामीणों को उचित मुआवजा, टूटे रास्ते, पेयजल लाइनें बहाल करने के साथ ही वन पंचायत की भूमि को क्षति पहुंचाने की उच्चस्तरीय जांच नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा। सोमवार को किसान सभा के नेता राजाराम सेमवाल के नेतृत्व में मैखंडा में ग्रामीणों ने एनएच, प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि ग्रामीण एक महीने से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं किंतु एनएच लोनिवि और प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। पूर्व में एनएच की एक टीम निरीक्षण को आई भी थी किंतु उचित कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। किसान सभा के राजाराज सेमवाल, सीटू के वीरेंद्र गोस्वामी ने कहा कि गुप्तकाशी से गौरीकुंड तक हो रहे चौड़ीकरण के चलते अनेक स्थानों पर एनएच लोनिवि की ओर से ग्रामीणों के पैदल मार्ग, आवासीय भवन, गौशाला, पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त की है, जबकि अभी तक इनकी न तो मरम्मत की गई और न ही उन्हें मुआवजा दिया गया। बरसात में लोगों की परेशानियां और भी बढ़ गई हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तक ग्रामीण शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं किंतु यदि स्थिति रही तो ग्रामीण आंदोलन को और उग्र कर देंगे। इस मौके पर पूरण लाल, कुंवर लाल, वीरेंद्र, बचन, दिनेश, पवन, मंगल सिंह, विक्रम, प्रेमलाल, गोविंद लाल, दरवान सिंह, शिवलाल, कुंवर लाल, माणिकाल, जरूबलाल, प्रबल सिंह, शिव प्रसाद, अषाड़ सिंह, प्रताप लाल, प्रेम सिंह, राजेंद्र कुमार, अनिल कुमार, सुमति अग्रवाल, खीमानंद गोस्वामी आदि मौजूद थे।

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