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सीएम को पत्र भेज की देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग करने की माँग

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नई टिहरी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री तीरथ को पत्र लिखकर देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग करने की मांग की है। कहा कि तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिये बगैर उन पर काला कानून नहीं थोपा जाना चाहिए। सीएम तीरथ को लिखे पत्र में उपाध्याय ने कहा है कि देवास्थानम बोर्ड के नियम कानून पुश्तैनी हक-हकूकों का कत्ल करते नजर आते हैं। उपाध्याय ने कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सरकारें एक जाति विशेष व समुदाय के प्रति वैमनस्य का भाव रख रही हैं। सामाजिक समरसता के ताने-बाने को नष्ट कर देना चाहती हैं। कहा कि इस काले कानून की समाप्ति की घोषणा सीएम तीरथ ने की थी। अब वे इससे मुकर रहे हैं। थोड़े से पैसे के लालच में स्थानीयता और उत्तराखंडियत की उपेक्षा कर बाहरी व्यक्तियों को धार्मिक संस्थाओं में नामित किया जा रहा है। इन नियुक्तियों को भी तुरंत वापस लेना चाहिए। देश के तीर्थ पुरोहित समाज से भी इस बारे में सरकार वार्ता करे। यदि सरकार यह निर्णय वापस नहीं लेती तो वे उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित समाज के साथ खड़े होकर भाजपा के इस सनातन धर्म विरोधी कृत्य का विरोध करेंगे। वनाधिकार आंदोलन भी तीर्थ पुरोहितों के साथ हैे। प्रदेश सरकार वनों के पुश्तैनी हक-हकूकों को लेकर भी भारी उदासीन है। देवस्थानम बोर्ड के काले क़ानून को वापस नहीं लिया गया, तो वे अपने साथियों के साथ कोविड नियमों का पालन करते हुये विधान सभा में सत्र के दौरान धरना देने को मजबूर होंगे।

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