उत्तराखंड

जंगली जानवरों के आतंक से निजात की मांग

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ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच की ओर से आयोजित की गई बैठक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे जंगली जानवरों के आतंक पर ग्रामीण विकास नागरिक विचार मंच ने रोष व्यक्त किया है। मंच ने सरकार से मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की। इस दौरान मंच ने नैनीताल हाईकोर्ट को कालागढ़ में स्थापित करने की भी मांग उठाई।
सोमवार को विचार मंच के अध्यक्ष प्रवेश चंद्र नवानी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। आए दिन गुलदार व अन्य जंगली जानवर ग्रामीणों को अपना निवाला बना रहे हैं। ऐसे में सरकार को मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए गंभीरता से कार्य करना चाहिए। बैठक में जंगली जानवरों के हमले में जान गंवाने वाले ग्रामीणों के स्वजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी मांग की गई। कहा कि ग्रामीण गांव में रहकर पलायन को रोकने का कार्य कर रहे हैं। बैठक में कोटद्वार शहर की सफाई व्यवस्था व शौचालयों की स्थिति को सुधारने की मांग की गई। कहा कि बदहाल सफाई व्यवस्था के कारण आमजन को संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है। वहीं, सदस्यों ने बेस अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सक नहीं होने पर भी रोष व्यक्त किया। कहा कि कोटद्वार का बेस चिकित्सालय केवल सफेद हाथी बनकर रह गया है। सदस्यों ने शहर में लगातार बढ़ रहे आवारा पशुओं के आतंक पर भी चर्चा की। कहा कि सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं के संरक्षण को लेकर नगर निगम लापरवाह बना हुआ है। इस मौके पर किसान नेता पातीराम ध्यानी, प्रकाश कोठारी, शिव प्रकाश कुकरेती, वीके थपलियाल, शंकर दत्त गौड़, राकेश लखेड़ा, राकेश मोहन, रमेश घिल्डियाल आदि मौजूद रहे।

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