उत्तराखंड

कब्रिस्तान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के विरोध में डीएफओ कार्यालय पर प्रदर्शन,पुलिस बल तैनात

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विकासनगर। वन विभाग की ओर से मुस्लिम कब्रिस्तान में की गई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने चकराता वन प्रभाग के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रदर्शनकारियों के आक्रोश देखते हुए वन विभाग कार्यालय बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। सोमवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि वन विभाग की ओर से की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही न्याय संगत नहीं है। चार दशक पहले आवंटित जमीन के लैंड ट्रांसफर की कार्रवाई गतिमान है। बीते चालीस वर्षों से मुस्लिम समाज के लोग मृत परिजनों को इसी जमीन पर दफना रहे हैं। अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद मृत परिजनों को दफनाने के लिए जगह नहीं मिलेगी। आरोप लगाया कि कब्रिस्तान में किए गए पक्के निर्माण के साथ ही वन विभाग ने कब्रों को भी ध्वस्त किया है, जिससे मुस्लिम समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। आरोप लगाया कि वन विभाग ने साजिश के तहत मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित करने के लिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और कब्रिस्तान की जमीन का सीमांकन कर तारबंदी करने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में मुख्तार अहमद, शहीद अहमद, सफदर अली, शेरखान, मामू खान, विजय कुमार, गुलाम हैदर, कादर खान, शाहरूख हुसैन, मुराद हसन, कबीर, शहनवाज खान, महबूब, कासिम खान, सोहेल जाफरी आदि शामिल रहे।
सोमवार सुबह 11 बजे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय पहुंचते ही हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों की भीड़ और आक्रोश देखते हुए डीएफओ कल्याणी नेगी ने कालसी थाना पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल डीएफओ कार्यालय पर तैनात कर दिया गया। आक्रोशित लोगों के मुख्यालय से वापस जाने के बाद ही पुलिस बल थाने लौटा।
कालसी में कब्रिस्तान की जमीन से संबंधित लैंड ट्रांसफर की प्रक्रिया पिछले सात साल से लंबित है। वर्तमान परिस्थिति और घटनाक्रम की जानकारी लेकर शासन को अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही आरक्षित वन क्षेत्र की जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। ड़ विनय भार्गव, वन संरक्षक यमुना वृत्त।
कब्रिस्तान ध्वस्तीकरण को लेकर सेलाकुई में प्रदर्शन
एंटी करप्शन संस्थान ने कालसी में वन विभाग द्वारा क्रबिस्तान में की गई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के विरोध में सेलाकुई में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार की शह पर कब्रिस्तान को ध्वस्त किया गया है। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे संस्था के राष्ट्रीय महासचिव आकिल अहमद ने कहा कि वर्ष 1977 में तत्कालीन चकराता विधायक शूरवीर सिंह ने कब्रिस्तान के लिए जमीन आवंटित की थी। जिसका सरकारी दस्तावेजों में भी उल्लेख है। कहा कि करीब 45 साल बाद कब्रिस्तान की जमीन को वन विभाग द्वारा अपनी बताना न्याय संगत नहीं है। आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार की शह पर वन विभाग ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार समुदाय विशेष को प्रताड़ित कर रही है। कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले वन विभाग की ओर से कब्रिस्तान कमेटी को सूचित भी नहीं किया गया। कहा कि कब्रिस्तान की जमीन वापस नहीं मिलने पर आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में राजू तोमर, जगदीश शर्मा, अलीम खान, मेहताब खान, अमजद खान, फिरोज खान, रईसुद्दीन, हरि दर्शन शर्मा, अभय यादव, उज्वल शर्मा, शेर अली, इकबाल, उमेश, मुन्ना, शाहिद अली, गयासुद्दीन, मोहित आदि शामिल रहे।

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